बलरामपुर जिले के चांदो वन परिक्षेत्र के अंतर्गत छत्तीसगढ़ झारखंड के सीमावर्ती क्षेत्र मे घने जंगलों के बीच यह गौरलाटा (मेगा जी) पहाड़ स्थित हैं जिसे छत्तीसगढ की ऊंची चोटी के रूप में माना जाता हैं
गौर लाटा घने जंगलों प्राकृतिक गुफाओं और जल स्रोतों के बीच स्थित होने के कारण यहां पहुंचने के लिए हैं दुर्गम रास्तों से होकर गुजरना पड़ता हैं
रास्ते मे बड़ी बड़ी चट्टाने नदी नाले जीव जंतुओं का डर बना रहता हैं लेकिन निशा ने ग्रामीणों के नेतृत्व में हौसला दिखाते हुए दृढ़ संकल्प के साथ अपने इच्छा शक्ति के बल पर करीब 3 घण्टे पैदल चलकर पहाड़ी की ऊंचाई में पहुंचकर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा झंडा फहराया
गौर लाटा से छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर स्थित बड़े वन क्षेत्र की खूबसूरती नजर आती हैं गौर लाटा पर्वतारोहियो की पसंदीदा जगह हैं और ट्रेकिंग के लिए प्रसिद्ध हैं
लेकिन यहां की खूबसूरती अब तक बाहर नही आ पाई हैं अभी तक यह स्थल लोगो कि पहुंच से दूर और अनछुआ हैं
गौरलाटा जाने का मार्ग
बिलासपुर अंबिकापुर बलरामपुर चांदो सामरी इदरीपथ
इदरी पथ से ही गौर लाटा की ट्रेकिंग शुरू होती हैं
युवा पीढ़ी को सन्देश
जब भी ऐसा लगे कि जीवन हाथ से निकल रहा हैं तो सोशल मीडिया की झूठी दुनिया से बाहर निकलकर अपने परिवार के साथ समय बिताए
पूरी दुनिया को नही केवल अपने मां बाप और अपने आपको संतुष्ट करे
आपको लाइक कमेंट करने वाले को कुछ फर्क नही पड़ेगा कि आप कब जिए और कब मर गए
स्वतंत्रता का सही उपयोग करें
अपने आप से प्यार करना सीखे