जशपुर:- छत्तीसगढ़ में अब भाजपा की बनते ही सरकारी स्कूलों में व्यवस्था भी बढ़ा दी गई है साथ ही शिक्षा विभाग लगातार बैठक लेकर योजनाओं को जमीनी स्तर तक पहुंचाने का भी कर रही है ।
लेकिन आज जशपुर जिले के मनोरा विकास खंड के शासकीय प्राथमिक शाला लफूवा कोना के स्कूली बच्चों ने आईबीएन ट्वेंटी फोर न्यूज की कैमरे पर अपनी व्यथा सुनाई है ,
बच्चों के अनुसार मंगलवार को इस विद्यालय में बच्चों को सरकार की सबसे बड़ी योजना मध्यान भोजन से वंचित रखा गया, वहां के कुछ बच्चों ने बताया की आज हमें भोजन नहीं मिला है हम कुछ बच्चे अपने अपने घर खाना खाने गए थे,
कुछ बच्चों को घर में भी नहीं मिला भोजन
चूंकि ग्रामीण इलाका होने के कारण कुछ बच्चों के परिजन कृषि कार्य के लिए बाहर (खेत) की ओर रहते हैं। जिसके कारण कुछ बच्चे भूखे रहने को मजबूर हो गए हैं , इस प्राथमिक विद्यालय में लगभग 53 बच्चे अध्यनरत हैं , तथा एक शिक्षक राकेश तिर्की की पदस्थापना है।
शिक्षक ने बताया की हमारे स्कूल में आज रशन खत्म हो गया है, रसोइया सुबह 10 बजे चावल लेने निकले हैं लेकिन अभी तक स्कूल में नहीं पहुंचे हैं। जिसके कारण बच्चे आज भूखे रहे ।
अब सवाल है की स्कूल प्रबंधन की लापरवाही का नतीजा ये नौनिहाल क्यों भुगतें?
जब राशन खत्म होने की स्तिथि थी तो 2 दिन पूर्व राशन की व्यवस्था क्यों नहीं की गई ?
जबकि जशपुर मुख्यमंत्री का गृह जिला है और यहां बच्चे के सेहत के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है?
सबसे दिलचस्प बात है की शिक्षक जिनके मार्गदर्शन में रहते हैं, जिला शिक्षा अधिकारी उनका नाम तक उन्हें पता नहीं है ?
कुछ बच्चे कुएं के पास के खेलते आए नजर
वहीं विद्यालय के कुछ बच्चे मध्यान भोजन छुट्टी के बाद भी कुएं के पास खेलते नजर आए
कुछ बच्चे अपने जान का परवाह किए बिना पुआल के ऊंचे मचान में चढ़कर खेल रहे थे ।
अब आप सोचिए ऐसी स्तिथि में शिक्षक की लापरवाही इतनी की बच्चों के साथ किसी प्रकार की अनहोनी या अप्रिय घटना होने पर किसकी जिम्मेदारी होगी?
अब देखना होगा कि मामले में जिला प्रशासन क्या कार्यवाही करती है ।