जशपुरनगर :- सावधान आप जिस क्षेत्र में मौजूद हैं,उस क्षेत्र में पांच हाथियों का दल विचरण कर रहा है। कृपया जंगल की ओर ना जाए और हाथियों से सुरक्षित दूरी बनाएं रखें।
बता दें कि, घंटी बजने पर आप जैसे ही काल रिसिव करेगें,आपका मोबाइल फोन आपकों यह चेतावनी भरा वाइस मैसेज देगा। जिले में लगातार गंभीर होती हाथी समस्या से निबटने के लिए वन विभाग ने यह नया प्रयोग शुरू किया है। एसएमएस और वाइस मैसेज भेजने के लिए एनीमल ट्रेकिंग डिवाइस का प्रयोग बुधवार से शुरू हो गया है।
वहीं, डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि छत्तीसगढ़ के सबसे अधिक हाथी प्रभावित जिले में शामिल जशपुर में जनहानि को रोकने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर जिले को एनीमल ट्रेकर डिवाइस उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में हाथी के आने की सूचना मिलने पर एनीमल ट्रेकर ऐप पर बीट गार्ड आन लाइन सूचना एंट्री करेगा।
हालांकि, इसमें हाथियो कि संख्या और उसके जाने की संभावना का विवरण दर्ज होगा। सूचना ऐप में दर्ज होते ही जिस बीट में हाथी विचरण कर रहे हैँ,उस क्षेत्र के 10 हजार लोगो को एसएमएस और वाइस मैसेज के माध्यम से सूचना पहुंच जाएगा। डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने बताया कि टेक्स्ट मैसेज के साथ ही वाइस मैसेज भी,ऐप में पंजीबद्ध मोबाइल पर पहुंचेगा। डीएफओ ने बताया कि विभाग का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगो तक हाथियो के हलचल की सूचना पहुंचा कर उन्हें विचरण वाले क्षेत्र से दूर रखना है,ताकि जनहानि ना हो।
फिलहाल, प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षु आईपीएस एसडीओपी निखिल अग्रवाल के साथ वन विभाग के एसडीओ, वन परिक्षेत्र अधिकारी, बीट गार्ड के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के कर्मचारी उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि जिले में हाथी की समस्या से निबटने के लिए इससे पहले एलीफेंट कारिडोर, सोलर फेसिंग वायर, जीआई वायर फेसिंग, रेडियो कालर आईडी जैसे प्रयोग किए जा चुके हैं। लेकिन इन्हें अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई थी।
शिक्षा और स्वास्थ्यकर्मी भी जुड़े
दरअसल, एनीमल ट्रेकिंग डिवाइस को सफल बनाने के लिए पहली बार वनविभाग ने इसमें वनकर्मियों के साथ स्वास्थ्य और शिक्षा विभाग के कर्मचारियों को शामिल किया है। डीएफओ उपाध्याय ने बताया कि एक बीट में कम से कम 10 हजार लोगों का मोबाइल नंबर एप में दर्ज होगा। हाथी की सूचना दर्ज होते ही संबंधित बीट के सभी मोबाइल उपयोगकर्ताओं के पास टेक्सट और वाइस मैसेज के माध्यम से एलर्ट पहुंच जाएगा। शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी इन मैसेज को अपने अपने क्षेत्र में इंटरनेट मिडिया के माध्यम से अधिक से अधिक प्रसारित करेगें ताकि लोगों को हाथियों की हलचल की सूचना मिल जाए और वे सुरक्षित आवाजाही कर सके।
48 लोगों ने गंवाई जान
फिलहाल, जशपुर जिले में 2021-22 से 28 जून 2024 तक 48 लोग की मौत हाथी के हमले में हो चुकी है। प्रदेश के वन मंत्री केदार कश्यप ने मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में दी थी। उन्होनें पत्थलगांव की विधायक गोमती साय के लिखित प्रश्न के उत्तर में बताया है कि इन पीड़ित परिवारों को सरकार ने 2 करोड़ 82 लाख का मुआवजा उपलब्ध कराया है। वहीं अभी 8 दिन के भीतर ही जिले के तपकरा रेंज में हाथी के हमले की तीन अलग-अलग घटनाओं में चार लोगों की मौत हो चुकी है। जनहानि का यह बढ़ता आंकड़ा शासन और प्रशासन के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर