हाइलाइट
“हमारी नीतियां, हमारा कर्तव्य और समर्पण विद्यार्थियों के हित में हो, क्योंकि वे महाविद्यालय के केंद्र में हैं। महाविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को बनाए रखने की जिम्मेदारी हम प्रत्येक की है, महाविद्यालयीन स्टाफ और प्रशासन का सहयोग इस महाविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा।”
(डॉ. श्रीमती यू.एन. लकड़ा, प्राचार्या, शासकीय राम भजन राय एन. ई.एस. स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुर)
उक्त उद्गार व्यक्त करते हुए डॉक्टर श्रीमती यू. एन. लकड़ा ने अपने कार्यभार ग्रहण करने के उपरांत स्टाफ काउंसिल की प्रथम बैठक को संबोधित किया। ध्यातव्य है कि डॉक्टर विजय कुमार रक्षित जिनका कार्यकाल 31 जुलाई 2024 को समाप्त हो गया तथा उनके स्थान पर वरिष्ठ प्राध्यापक डॉक्टर यू.एन. लकड़ा ने प्राचार्य पद का कार्यभार संभाला है। दिनांक 3 अगस्त 2024 को सत्रारंभ की प्रथम बैठक में महाविद्यालय परिवार ने डॉक्टर श्रीमती लकड़ा को बधाई देते हुए उन्हें शुभकामनाएं दीं तथा पुष्पगुच्छ से उनका स्वागत किया तथा प्राध्यापक संघ की ओर से उन्हें शाल और श्रीफल देकर सम्मानित किया गया। डॉ. लकड़ा ने महाविद्यालय प्रबंधन के संबंध में अपनी नीतियां स्पष्ट करते हुए कहा कि इस महाविद्यालय का इतिहास गौरवशाली रहा है, उसकी गरिमा को अक्षुण्ण रखना हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी है। यद्यपि संसाधनों की कमी हमारे लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है लेकिन हमारे पास एक अच्छी टीम है। वरिष्ठ प्राध्यापकों के अनुभव और युवा प्राध्यापकों की ऊर्जा का उपयोग कर हम महाविद्यालय को नई दिशा देने में समर्थ हो सकेंगे। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का क्रियान्वयन इस सत्र की सबसे बड़ी चुनौती है, इसके लिए भी सब का सहयोग आवश्यक है।हमारा साझा प्रयास महाविद्यालय को नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा। इसके साथ ही अगले ‘नैक’ मूल्यांकन हेतु बेहतर प्रदर्शन आवश्यक है ताकि हम अपने महाविद्यालय को उच्चतर ‘ग्रेड’ दिला सकें। हमारा काम महाविद्यालय की गरिमा के अनुकूल हो। हम आपको बता दें कि डॉक्टर श्रीमती लकड़ा कई वर्षों से बतौर प्राध्यापक (राजनीति विज्ञान) अपनी सेवाएं दे रही थीं, अब उन्होंने प्राचार्य के रूप में नये पारी की शुरुआत की है। यही नहीं वे इसे महाविद्यालय की छात्रा भी हैं तथा जशपुर की माटी पुत्री भी। इसलिए महाविद्यालयीन स्टाफ और विद्यार्थियों को उनसे बहुत अपेक्षाएं हैं।
यह बैठक 5 अगस्त को होने वाले ‘दीक्षारंभ’ कार्यक्रम की रूपरेखा तय करने के संबंध में आयोजित की गई थी जिसमें महाविद्यालय के प्राध्यापक, कार्यालयीन स्टाफ तथा अतिथि व्याख्याता शामिल थे। कार्यक्रम के महत्त्व एवं उसकी उपयोगिता को रेखांकित करते हुए वरिष्ठ प्राध्यापक डॉ. अमरेंद्र ने कहा कि नयी शिक्षा नीति के संबंध में विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों तक सही जानकारी पहुंचाना हम सबका दायित्व है। इसलिए प्रथमत: हमें स्वयं नयी शिक्षा नीति को समझने की आवश्यकता है, तभी हम विद्यार्थियों और अभिभावकों की समस्या का निराकरण कर कर पाएंगे। हम सबको इसके प्रति गंभीर होना होगा। तत्पश्चात् कार्यक्रम की रूपरेखा के संबंध में चर्चाएं हुई और उसे अंतिम रूप दिया गया। ज्ञात हो कि राज्य सरकार की मंशा एवं उच्च शिक्षा संचालनालय, रायपुर, के निर्देशानुसार प्रदेश भर में दिनांक 5 अगस्त 2024 को नव प्रवेशित विद्यार्थियों के लिए ‘दीक्षारंभ’ कार्यक्रम आयोजित कराना अनिवार्य है। इसी मंशा के अनुकूल प्रातः 10:30 बजे से जन- प्रतिनिधियों एवं पालकों की उपस्थिति में महाविद्यालय में नव प्रवेशित छात्र-छात्राओं का तिलक लगाकर स्वागत किया जाना है। अतः छात्र-छात्राओं एवं उनके अभिभावकों की उपस्थिति आवश्यक है ताकि वे नई शिक्षा नीति को समझ सकें। उक्त तिथि को यह कार्यक्रम प्रातः 10:30 बजे महाविद्यालय के ‘स्वर्ण जयंती सेमिनार हॉल’ में आयोजित है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में श्रीमती रायमुनी भगत,विधायक जशपुर, उपस्थित रहेंगी। महाविद्यालय प्रबंधन ने इस संबंध में आवश्यक तैयारियां शुरू कर दी हैं तथा उम्मीद जताई है कि उक्त कार्यक्रम में बी.ए./ बी.एससी./ बीकॉम तथा बी.सी.ए प्रथम सेमेस्टर के छात्र और उनके अभिभावक अधिक संख्या में शामिल होंगे।
इस बैठक में महाविद्यालय प्रबंधन तथा समस्याओं के संदर्भ में विस्तृत चर्चा की गई। “सिर्फ हंगामा करना मेरा मकसद नहीं, मेरी कोशिश है कि यह सूरत बदलनी चाहिए।”( दुष्यंत कुमार) इन पंक्तियों का उल्लेख करते हुए डॉक्टर ए.के. श्रीवास्तव(वरिष्ठ प्राध्यापक राजनीति विज्ञान) ने प्राध्यापक संघ की ओर से समुचित सहयोग का आश्वासन दिया। निश्चित ही सबका साझा प्रयास महाविद्यालय की सूरत बदलने में सहायक होगा और आगामी 6 महीने में यह बदली हुई सूरत हमें देखने को मिलेगी। बैठक में सभी ने अपना-अपना विचार साझा किया और आगे की रणनीति के संबंध में विचार करने के लिए समय-समय पर बैठक आयोजित करने पर अपनी सहमति जताई।