पत्थलगांव/जशपुरनगर :- छत्तीसगढ़ की जशपुर जिले के पत्थलगांव वन परिक्षेत्र के महेशपुर में रिजर्व फारेस्ट क्रमांक 984 में हुये सैकड़ो एकड़ जमीन पर कब्जा कर खेती करने वाले ग्राम पंचायत झिमकी के उपसरपंच सहित अन्य लोगों के खिलाफ ग्राम पंचायत महेशपुर के ग्रामीणों का गुस्सा तूल पकड़ने लगा हैं. यहां के लगभग साढ़े चार सौ ग्रामीण जंगल के भीतर एक साथ मिलकर पहुँचे और सभी ने नाराजगी जताते हुये अतिक्रमण हटाये जाने का फैसला लिया है।इस दौरान वन विभाग के अधिकारियों सहित वन समिति के सदस्य और पदाधिकारीगण शामिल थे।
बता दें, छत्तीसगढ़ के हसदेव जंगल के बाद यह दूसरा मामला है.जब ग्रामीण जंगल बचाने लामबंद हुये है.ग्रामीणों का कहना है कि वे जंगल बचाने के लिये किसी भी स्तर की लड़ाई लड़ने को तैयार है.लेकिन बिडंबना है कि ग्रामीणों के सजगता के बाद भी न वन विभाग और न ही प्रशासन इस गंभीर विषय पर ध्यान दे रहा हैं।
वहीं, वन समिति के अध्यक्ष अगस्तु बेक ने बताया कि जंगल के भीतर सैकडों एकड़ पर छोटे बड़े पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर खेत बनाकर उस पर धान सहित अन्य खेती किया जा रहा हैं।
बैठक कर प्रस्ताव किया तैयार..!
दरअसल, ग्रामीण तुलसी यदुमणि,भुनेश्वर,मुनेश्वर,चूड़ामणि सहित अन्य लोगों ने बताया कि वे जंगल के कब्जा हटाने लंबे समय से प्रयासरत हैं.उन्होंने कहा कि इसके लिये विभागीय सहित आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों को लिखित में शिकायत करने के बावजूद कोई जांच न कार्यवाही नही किया गया है.ग्रामीणों के मुताबिक जब जंगल के भीतर गये तो उनके साथ वन विभाग के कर्मचारी भी शामिल थे.वन विभाग के अधिकारियों ने जंगल के अवैध कटाई और उस रिजर्व फारेस्ट के पर कब्जा देखकर हक्का बक्का रह गये।उसके बाद सभी लोग वापस आकर बैठक आहूत कर पंचनामा बनाया गया उसके बाद अवैध कब्जा और उस पर की गई खेती को राजसात करने का निर्णय लिया गया है।
इस दौरान वन विभाग के अधिकारी के द्वारा रिजर्व फारेस्ट की भूमि क्रमांक 984 को जांच किया गया जो महेशपुर के जंगल मे होना पाया गया।
फिलहाल, मामले में शिकायत मिलते ही जाँच टीम गठित कर नाप करवाया जा रहा है। 2 कंपार्टमेंट नाप किया जा चुका है।हाथियों के वनपरिक्षेत्र में आने से जाँच पूरी नही की जा सकी है जाँच पूर्ण होते ही वन क्षेत्र घोषित की कार्यवाही की जाएगी’- कृपासिंधु पैंकरा,रेंजर पत्थलगांव
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर