कोरिया:- छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले के धान उपार्जन केंद्रों में किसानों के साथ हो रही अनियमितताओं ने स्थिति को गंभीर बना दिया है, यहां हमाली के नाम पर किसानों से जबरन पैसे वसूले जा रहे हैं ।
जानिए पूरा मामला
राज्य सरकार ने प्रत्येक समिति को प्रासंगिक खर्चों के लिए अग्रिम राशि उपलब्ध कराई है, ताकि तौल, सिलाई, और अन्य कार्य सुचारू रूप से किए जा सकें. सरकार ने प्रति क्विंटल धान पर 12 रुपये दिए हैं. इसमें सुरक्षा राशि काटने के बाद भी किसानों के लिए 8-9 रुपये बचते हैं. इसके बावजूद केंद्रों पर किसानों से प्रति बोरी 10-12 रुपये तक वसूले जा रहे हैं. किसानों का कहना है कि अगर वे हमाली राशि नहीं देते, तो उन्हें खुद मजदूर लाने पड़ते हैं. शिकायत करने पर अगली बार टोकन काटने या धान खरीदने में बाधाएं उत्पन्न करने की धमकी दी जाती है ।
धान खरीदी की धीमी रफ्तार
कोरिया जिले में कुल 22978 किसान पंजीकृत हैं और इस बार 137195 मैट्रिक टन धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. जिले के 21 उपार्जन केंद्रों के माध्यम से अब तक 37457. 24 टन धान खरीदा जा चुका है. लेकिन धान उठाव की प्रक्रिया बेहद धीमी है. राइस मिलर्स के लिए 642 टन डिलीवरी ऑर्डर जारी हुए, जिसमें से केवल 222 टन धान का उठाव हुआ. संग्रहण केंद्रों में भी स्थिति दयनीय है, जहां 1050 टन के डिलीवरी ऑर्डर के मुकाबले सिर्फ 88 टन उठाव हुआ ।
वहीं, पैसे न देने वाले किसानों को अपने मजदूर लाने पर मजबूर किया जा रहा है. ऐसे में किसानों में नाराजगी देखने को मिल रही है.
जामपारा समिति ने जगह की कमी के चलते स्थल बदल दिया है. समिति प्रांगण में धान का बड़ा स्टॉक पड़ा होने के कारण खरीदी में बाधा आ रही है. मजबूरन समिति को निजी जमीन पर धान खरीदी करनी पड़ रही है ।
प्रभारी पंजीयक सहकारिता जयपाल एक्का ने बताया कि धान खरीदी में पारदर्शिता है और कहीं से कोई शिकायत नहीं मिली है. समितियों को निर्देश दिए गए हैं कि हमाली राशि किसानों से न ली जाए, इस संबंध में सूचना पटल पर भी जानकारी चस्पा कराई गई है ।