प्रेस रिपोर्ट भुनेश्वर निराला सारंगढ़
रायगढ़। रेडी टू ईट फूड पैकेट वितरण का पूरा सिस्टम ही बदल गया है।अब बीज निगम को निर्माण का काम थमा दिया गया है। वहीं वितरण के लिए महिला समूहों को काम दिया गया है। केवल एक रुपए किलो की दर से समूहों को इसका परिवहन करना है। दो चरणों में परिवहन किया जा रहा है।कुपोषण को खत्म करने के लिए सालों से महिला एवं बाल विकास विभाग रेडी टू ईट पोषण आहार बांट रहा है। करोड़ों रुपए हर साल खर्च होने के बाद भी अगले साल कुपोषित सामने आ जाते हैं। राज्य सरकार ने इस व्यवस्था को बदलकर छग राज्य कृषि एवं बीज निगम को काम दे दिया। अब बीज निगम ही निर्माण कर रहा है। इसके बाद परिवहन का काम अलग तरीके से किया जा रहा है। पहले बीज निगम का ट्रांसपोर्टर रेडी टू ईट पैकेट्स को महिला एवं बाल विकास विभाग की परियोजनाओं में भेजता है। वहां से स्व सहायता समूह इसे उठाकर केंद्रों में वितरण करते हैं।बीज निगम ने जिस ट्रांसपोर्टर को ठेका दिया है, उस पर भी सवाल उठ रहे हैं। परियोजना के गोदाम से हितग्राकी तक पहुंचाने का जिम्मा महिला स्व सहायता समूहों को दिया गया है। मतलब जो समूह रेडी टू ईट का निर्माण करते थे, अब वे ढुलाई का काम कर रहे हैं। इसके बदले सरकार ने हर समूह को 15 हजार रुपए प्रतिमाह भुगतान करने का आदेश दिया है। इसके अलावा जितना भी सामान वे ढुलाई करेंगे, उसका एक रुपए प्रति किलो की दर से भुगतान होगा। प्रत्येक समूह को हर महीने अब करीब 20 हजार रुपए की आमदनी हो रही है।
दूर और पास का रेट एक जैसा
एक रुपए प्रति किलो की दर से जो भुगतान होना है, इसकी कोई बिलिंग नहीं होगी। साथ ही यह बहुत असमान दर है। धरमजयगढ़ और लैलूंगा के केंद्र दूर-दूर हैं। वहीं रायगढ़ शहरी में तो पांच किमी का ही दायरा है। जो दूर तक परिवहन करेगा उसे भी एक रुपए की दर से ही भुगतान होगा।