जशपुर नगर –
जिला कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल एवं जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी संबित मिश्रा के निर्देशन में एवं जिला शिक्षा अधिकारी जशपुर संजय गुप्ता के निर्देशन एवम सनकल्प के प्राचार्य विनोद गुप्ता के मार्गदर्शन संचालित यशस्वी जशपुर कार्यक्रम के अंतर्गत कक्षा 12वीं के इतिहास विषय पर कार्यशाला आरम्भ हुआ जिसमे इतिहास की विषय वस्तु पर आपसी समझ एवम गहन विचार विमर्श किया गया। ब्रेन स्ट्रीमिंग के माध्यम से कैसे और गहरी समझ छात्रों में विकसित की जाए इस पर प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के आरम्भ व्याख्याता राजेन्द्र प्रेमी ने सरस्वती वंदना के द्वारा किया । कार्यशाला में इतिहास के विशेषज्ञ डॉ विजय रक्षित ने कहा कि राज्य स्तर के परिणाम अच्छे आने के कारण हमारी जिम्मेदारी और ज्यादा है। कठिन से लगने वाले विषय वस्तु के प्रति रोचकता उतपन्न करने के लिए उन्हें उस मनोदशा से परिचित कराना होगा । आप सभी को उन्मुखीकरण के माध्यम से हम पुनः अपने विषयगत जागरूकता प्राप्त करके सम्पूर्ण जिले में एक नए वातावरण का निर्माण करते हैं ताकि बच्चों को हम नए तकनीक से अध्यापन करा सकें।डॉ विजय रक्षित ने कहा कि कक्षा 12 वीं के आधुनिक भारत के इतिहास से सम्बंधित ब्रिटिश राज्य के औपनिवेशिक प्रशासन फैलाव 1857 से लेकर स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास पर विस्तृत प्रकाश डाला साथ ही आधुनिक भारत की एक क्रांतिकारी परिवर्तन 1920-1922 के मध्य सर जान मार्शल की टीम के द्वारा सिंधु सभ्यता की खोज भी था जो कि कराची और लाहौर के मध्य स्थित था।
हायर सेकेंडरी स्तर पर इतिहास के विषयगत दक्षता को केंद्रित करने के लिए मास्टर ट्रेनर जयेश सौरभ टोपनो और डॉ मिथलेश कुमार पाठक ने शिक्षकों से कहा कि अध्यापक कक्षा 12 वीं में छात्रों को भारत की पहली और विश्व की प्रतिष्ठित सभ्यता ईसा पूर्व 2600 से आरम्भ से लेकर प्राचीन मध्य और आधुनिक भारत मे संविधान निर्माण तक लगभग 4600 वर्षों का इतिहास अध्यापन करने के लिए मानसिक रूप से तैयार करते है। इसके लिए छात्रों के मस्तिष्क में अपने देश मे 5000 सालों से हो रहे परिवर्तन नए शहरों की स्थापना विदेशी शासकों के द्वारा शासित देश के नीति नियमो आजाद भारत कि परिस्थितियाँ विभाजन के दर्द से लेकर संविधान निर्माण तक में देश की जानकारी प्राप्त करना है। साथ ही कठिन और रोचक प्रसंगों पर आपसी चर्चा से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान परिषद की पुस्तकों में दिए गए कालक्रम की जानकारी को वैधानिक मानने की सलाह दी। अपने स्कूल में इतिहास के विद्यार्थियों को विशेष दक्षता हासिल किए जाने के साथ साथ सामूहिक जिम्मेवारी के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करना है। साथ ही जिन शिक्षकों के स्कूल में विषयगत परिणाम शत प्रतिशत रहे उन्हें आगामी परीक्षा में अन्य स्कूलों के द्वारा बेहतर परिणाम प्राप्त किये के सम्बंध में आपसी विचार प्रस्तुत किये गए। नई शिक्षा नीति, विदेशी यात्रियों के नज़रिए से भारत 1857 की क्रांति,जैसे चैप्टर से सम्बंधित चर्चा की गई। इसके बाद सभी शिक्षकों का ग्रुप निर्माण कर इकाईवार अध्यापन बिंदुओं पर प्रकाश एवम प्रस्तुति की गई।इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्री टेस्ट एवम पोस्ट टेस्ट आयोजित किया गया। सभी शिक्षकों ने वर्तमान शैक्षणिक सत्र में इतिहास विषय को बेहतरीन परिणाम के लिए संकल्पित हुए। इस कार्यक्रम में जिले के इतिहास अध्यापन करने वाले समस्त व्याख्याता सहित कार्यक्रम के प्रबंधक संजीव शर्मा ,अवनीश पांडेय एवम अन्य स्टाफ का योगदान सराहनीय रहा।