एक महिला ने एक डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट काटकर उसकी पत्नी को कूरियर से भेज दिया था. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक डॉक्टर की हत्या के मामले में महिला को जमानत दे दी है.
बता दें कि एक दशक पहले, महिला को एक मामले में दोषी पाया गया था, जहां उस पर एक डॉक्टर का प्राइवेट पार्ट काटकर उसकी पत्नी को भेजने का आरोप था, जिसके परिणामस्वरूप 2016 में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली थी. मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर और न्यायमूर्ति नलिन कुमार श्रीवास्तव की पीठ मामले की सुनवाई कर रही थी.
रिमांड अवधि की अवधि को देखते हुए कोर्ट ने महिला को जमानत दे दी. अदालत ने कहा कि अपील पर अंतिम निर्णय और सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कुछ समय लग सकता है. रिमांड की अवधि को देखते हुए जमानत दी गई है. कानपुर देहात के अमरौधा पीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. सतीश चंद्रा की 21 जुलाई 2013 को रनियां स्थित राही पर्यटक आवास गृह में नृशंस हत्या कर दी गई थी.
डॉक्टर सतीश चंद्रा एक लड़की को लेकर होटल पहुंचे थे. शाम को उसका शव होटल के कमरे में पड़ा मिला और लड़की गायब थी. होटल स्टाफ ने हत्या की जानकारी पुलिस को दी. सूचना पर पहुंची पुलिस ने जब डॉ. सतीश चंद्रा का शव देखा तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. हत्यारा डॉ. सतीश चंद्रा का प्राइवेट पार्ट काटकर अपने साथ ले गया था.
डॉ. सतीश चंद्रा की निर्मम हत्या और उनके प्राइवेट पार्ट्स गायब करने की वजह से इस घटना ने उस समय खूब सुर्खियां बटोरी थीं. पुलिस ने भी इस अपराध को अंजाम देने वाले हत्यारे को ढूंढ़ने और उसे सलाखों के पीछे पहुंचाने में अपनी पूरी ताकत लगा दी. इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर के साथ होटल में आई सीटीआई गोविंद नगर, कानपुर नगर की प्रीति लता को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.
इस मामले की सुनवाई के बाद 23 सितंबर 2016 को एडीजे प्रथम की अदालत ने प्रीति को दोषी पाया और आजीवन कारावास की सजा सुनाई. कोर्ट के आदेश पर प्रीति लता अपनी सजा काट रही हैं. फिलहाल प्रीति लता लखनऊ जेल में सजा काट रही हैं. पुलिस पूछताछ में प्रीति ने बताया था कि उसने ही डॉ. सतीश चंद्रा की हत्या की है.