नई दिल्ली :- यदि आपने अपने लोन का पूरा री-पेमेंट या सेटलमेंट कर दिया है और आपको अपने जमा किए गए डॉक्यूमेंट्स वापस नहीं मिले हैं तो आपको 5,000 रुपये प्रति दिन के हिसाब से हर्जाना मिलेगा।
इन डॉक्यूमेंट्स में सभी तरह की चल एवं अचल संपत्ति (Movable and immovable property documents) के सभी मूल दस्तावेज शामिल हैं. यह हर्जाना वह संस्थान भरेगा, जिससे आपने लोन लिया था. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने इस बारे में आज (13 सितंबर 2023) को इससे संबंधित निर्देश जारी कर दिया है. यह निर्देश रेगुलेटेड इंटीटीज़ (REs), जिसमें कि सभी बैंक, NBFCs (HFCs समेत), ARCs, LABs, और को-ऑपरेटिव बैंकों को जारी किया है.
फिलहाल, लोन की री-पेमेंट या सेटलमेंट के बाद 30 दिन के अंदर लोन लेने वाले को उसके डॉक्यूमेंट्स देना अब अनिवार्य नियम बन गया है. 1 दिसंबर 2023 से यह नियम लागू होगा. देश के सेंट्ल बैंक ने ग्राहकों की सुरक्षा और मानसिक परेशानी को समझते हुए ये अहम कदम उठाया है।
⚫क्या लिखा है RBI के सर्कुलर में?
दरअसल, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने एक सर्कुलर जारी किया है. इस सर्कुलर के मुताबिक, “2003 से विभिन्न विनियमित संस्थाओं (Regulated Entities / REs) को जारी किए गए उचित व्यवहार संहिता (Fair Practices Code) पर दिशा-निर्देशों के अनुसार, REs को पूर्ण पुनर्भुगतान (Full repayment) प्राप्त करने और लोन का खाते बंद करने पर सभी चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को रिलीज करना आवश्यक है. हालांकि, यह देखा गया है कि REs ऐसे चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को रिलीज करने में अलग-अलग प्रथाओं का पालन करते हैं, जिससे ग्राहकों की शिकायतें और विवाद होते हैं.”।
⚫अपनी पसंद की जगह से पा लें दस्तावेज
आरबीआई का निर्देश स्पष्ट करता है कि REs सभी ओरिजिनल चल और अचल संपत्ति दस्तावेजों को जारी करेगा और ऋण खाते के पूर्ण पुनर्भुगतान या निपटान के बाद 30 दिनों की अवधि के भीतर किसी भी रजिस्ट्री में पंजीकृत किसी भी शुल्क को हटा देगा. यह निर्देश उधारकर्ताओं को इन आवश्यक दस्तावेजों को या तो बैंकिंग आउटलेट या शाखा से, जहां लोन का अकाउंट बनाया गया था या RE के किसी अन्य कार्यालय से जहां दस्तावेज उपलब्ध हैं, अपनी पसंद के मुताबिक एकत्र करने का विकल्प प्रदान किया जाता है.
cnbctv18 की एक रिपोर्ट में के मुताबिक, केंद्रीय बैंक के अनुसार, ओरिजिनल संपत्ति दस्तावेजों की वापसी की समयसीमा और स्थान का उल्लेख प्रभावी तिथि पर या उसके बाद जारी किए गए ऋण मंजूरी पत्रों में स्पष्ट रूप से किया जाएगा. इसके अतिरिक्त, एकमात्र उधारकर्ता या संयुक्त उधारकर्ताओं के निधन की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के केस में, RE को कानूनी उत्तराधिकारियों को मूल संपत्ति दस्तावेज वापस करने के लिए एक अच्छी तरह से तय प्रक्रिया बनानी चाहिए. इस प्रक्रिया को अन्य ग्राहक-संबंधित नीतियों और प्रक्रियाओं के साथ-साथ REs की वेबसाइटों पर भी सुलभ बनाया जाए।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा