जशपुर। पत्थलगाँव का चुनाव इस बार काफी रोचक होने वाला है। पहली बार यहां बीजेपी ने महिला उम्मीदवार के तौर पर सांसद गोमती साय को चुनाव मैदान में उतारा है। महिला ओर काफी तेज तर्रार होने के चलते लोग इस बार के चुनाव को काफी अलग नजरिये से देख रहे है।
कहा जा रहा है कि स्वभाव से काफी सीधे और सरल माने जाने वाले रामपुकार सिंह के विरुद्ध पहली बार किसी कद्दावर नेत्री के चुनाव मैदान में उतरने के कारण चुनावी पंडितों के मन मे कई बातें आ रही हैं। उन्हें लगता है कि इस बार यहां के परिणाम कुछ हटकर आ सकते हैं। महिला होने के अलावे गोमती साय एक नया चेहरा भी हैं साथ ही साथ स्थानीय मुद्दों पर संसद में कई बार पुरजोर आवाज उठाने के चलते इनकी पहचान अब तक के सांसदों से काफी अलग है। इस वजह से मतदाताओं में इनको लेकर काफी आकर्षण है इस वजह से हर बार से कुछ अलग परिणाम आने की उम्मीदें जताई जा रही हैं।
हांलाकि रामपुकार सिंह को भी पत्थलगाँव का अजेय योद्धा माना जाता है। 2013 में शिवशंकर साय से हारने के अलावे इनकी कभी हार नहीं हुई। 2013 में हार के बाद 2018 में यहां से उन्हें रिकार्ड वोटों से जीत मिली। वह इस सीट से 8 बार विधायक रह चुके हैं और 9वीं बार फिर से यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। इन्हें चुनाव जीतने में प्रदेश का सबसे तिलस्मी नेता माना जाता है इसलिए इन्हें वरिष्ठ विधायक का दर्जा भी दिया हुआ है। इनकी सज्जनता और सरलता के चलते इनके मतदाताओ के मन कभी नहीं बदले।
लेकिन इन सबके बावजूद माना जा रहा है कि इस बार गोमती साय की उम्मीदवारी रामपुकार के 40 वर्षो की विधायकी पर भारी पड़ सकती है। लोगो का कहना है कि रामपुकार के 9वीं बार चुनाव लडऩे के चलते क्षेत्र में एंटीइनकंबेंसी की स्थिति आ सकती है और इस एंटी इनकंबेंसी का सीधा फायदा गोमती साय को हो सकता है क्योंकि गोमती साय क्षेत्र के लिए नया चेहरा हैं बल्कि एक बड़ा चेहरा भी हैं। हांलाकि इनके जीत हार की भविष्यवाणी करने का रिस्क कोई नहीं ले रहा लेकिन लोग यह बोलने में बिल्कुल परहेज नहीं कर रहे कि इस बार रामपुकार की मुश्किलें जरूर बढ़ सकती है।
गोमती साय क्षेत्र की पहली ऐसी सांसद रही है जिन्होंने रायगढ़ संसदीय क्षेत्र और खाशकर जशपुर के कई अहम मुद्दों को संसद में काफी दमदारी से उठाते हुए देखा गया। जशपुर में रेल की बहुप्रतीक्षित मांग को इनके द्वारा संसद में कई बार उठाये जाने के बाद जशपुर में रेल की उम्मीद जागी। इसके अलावे वह संसद में बजट सत्र और महिला बिल पर संसद में भाषण देने के लिए काफी चर्चा में रही और इनकी सबसे ज्यादा चर्चा तब हुई जब कुछ माह पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इनकी डेढ़ घंटे तक मुलाकात हुई। ऐसे में गोमती साय ने कम समय मे राष्ट्रीय स्तर तक पहचान बनाने वाली क्षेत्र के पहली सांसद के रूप में जानी जाती है।
बहरहाल कांग्रेस और भाजपा के 2 दिग्गजों के चुनाव मैदान में उतरने से लोग अभी से यह तय नहीं कर पा रहे कि 3 दिसम्बर को क्या परिणाम आएंगे।