जिला ब्यूरो चीफ ध्रुव जायसवाल
एमसीबी/केल्हारी। छत्तीसगढ़ में सरकार भले ही बदल गई है लेकिन रेत माफियाओं के तेवर नहीं बदले हैं. साथ ही अधिकारी और कर्मचारी के काम करने की कार्यशैली भी पुराने सरकार के हिसाब से ही चल रही है.. इसका जीता- जागता नमूना आपको एमसीबी जिले के तहसील केल्हारी में देखने को मिल जाएगा।
पूरा मामला केल्हारी का है जहां रेत माफिया इस कदर हावी है कि प्रशासन के नाक के नीचे महज़ दो किलोमीटर की दूरी पर स्थित बरने नदी से अवैध रेत खनन कर परिवहन किया जा रहा है। आपको बता दें प्रशासन इतनी गहरी नींद में है कि मानो जागने को तैयार नहीं है या फिर जागना ही नहीं चाहती है।
*विधायक रेणुका सिंह के आदेश की अनदेखी।*
आपको बता दें क्षेत्रीय विधायक रेणुका सिंह ने लगातार चुनाव प्रचार के दौरान और कुछ दिनों पूर्व अपने विधानसभा दौरा पर कहा था कि कहीं भी अवैध रेत खनन नहीं होने दूंगी, लेकिन जिस तरह से जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन रेत माफियाओं पर नकेल कसने में नाकामी दिखा रही हैं यह भी रेत माफियाओं से प्रशासन की साठ-गांठ की ओर इशारा कर रही है।
*आखिर कब रूकेगा का रेत का अवैध उत्खनन.??*
जैसा कि आपको ज्ञात हो रेत माफियाओं के हौसले बुलंद हैं और उन पर जिला प्रशासन और स्थानीय प्रशासन द्वारा कार्यवाही करने पर प्रशासन के हाथ पैर फूल रहें हैं, तब तक कोई भी कार्यवाही नहीं होने की गारंटी दिखाई दे रही है।
*आखिर कौन है जो रेत के खेल में है सम्मिलित.??*
आपको बता दें बेखौफ रेत खनन कर परिवहन में सम्मिलित होने वाले प्रमुख रेत माफिया हैं जिनके टैक्टर के फोटो आपको दिखाई दे रहे हैं।