नई दिल्ली :- कुवैत की एक इमारत में आग लगने से 45 भारतीयों की मौत हो गई, जिससे पूरी दुनिया हिल गई है। इस इमारत में बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर रहते थे। कई शव इतनी बुरी हालत में हैं कि उनकी पहचान करना मुश्किल हो रहा है।
अमीर का बड़ा कदम
जानकारी के मुताबिक, कुवैत के अमीर मिशाल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह ने मृत भारतीय नागरिकों के शवों को उनके वतन वापस भेजने के लिए विमान तैयार करने का आदेश दिया है। साथ ही उन्होंने मृतकों के परिवारों को वित्तीय सहायता देने का भी ऐलान किया है। कुवैत के आंतरिक मंत्री शेख फहद अल-यूसेफ ने इस निर्देश की पुष्टि की है।
पहचान की प्रक्रिया जारी
वहीं, प्रथम उप प्रधान मंत्री, आंतरिक मंत्री और रक्षा मंत्री शेख फहद अल-यूसेफ ने बताया कि अब तक 48 शवों की पहचान की गई है, जिनमें से 45 भारतीय और 3 फिलिपिनो हैं। अंतिम शव की पहचान के प्रयास जारी हैं।
मकान मालिकों को चेतावनी
दरअसल, शेख फहद अल-यूसेफ ने बताया कि संपत्ति के उल्लंघन को दूर करने के लिए जल्द ही नया कानून पेश किया जाएगा। यह नियम बिना किसी पूर्व चेतावनी के उल्लंघनों को तुरंत हटाने में सक्षम होंगे और अगले दो हफ्तों में लागू होने की उम्मीद है।मंत्री ने मकान मालिकों से संपत्ति के उल्लंघनों को दूर करने के लिए 48 घंटे का समय मांगा है, लेकिन जोर देकर कहा कि प्रवर्तन अभियान बिना रुकावट के जारी रहेंगे।
भारतीय उप विदेश मंत्री की यात्रा
फिलहाल, भारतीय उप विदेश मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह घायलों से मिलने के लिए कुवैत पहुंचे। उन्होंने जाबेर अस्पताल में छह घायल भारतीय नागरिकों से मुलाकात की। उप विदेश मंत्री ने आश्वासन दिया कि सभी छह व्यक्ति स्थिर स्थिति में हैं और ठीक हो रहे हैं। उनकी त्वरित यात्रा से भारत सरकार की विदेश में अपने नागरिकों के प्रति प्रतिबद्धता का पता चलता है।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर