जशपुरनगर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में दीपू बगीचा विवाद के विरोध में आदिवासी समुदाय राजी पड़हा द्वारा आयोजित आक्रोश रैली को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से सतर्कता बरत रहा है। आयोजन से एक दिन पहले कलेक्टर कार्यालय की सुरक्षा बढ़ाने के साथ शहर में किलेबंदी की तैयारी शुरू कर दी गई है।
दरअसल, जिला प्रशासन ने बीते दिनों बलौदा बाजार में हुई हिंसात्मक घटना से सबक लेते हुए,आयोजकों को रैली निकालने की अनुमति नहीं दी है। शहर के अंतिम छोर में स्थित शत्रुजंय प्रताप सिंह जूदेव हाकी स्टेडियम में सभा करने और यहीं कार्यपालिक मजिस्ट्रिेट को ज्ञापन सौंपनें की अनुमति ही दी गई है।
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हालांकि, कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में आयोजित पत्रकार वार्ता में जशपुर के एसडीएम प्रशांत कुशवाहा ने बताया कि जिसके लिए आयोजक यह आंदोलन कर रहें वह पूरी तरह से निराधार है। उन्होनें बताया कि दीपू बगीचा में किसी तरह की सीलबंदी प्रशासन ने नहीं की है। नियम के अनुसार ही बगीचा के प्रवेश द्वार की चाबी नगरपालिका को सौंपी गई है। जिसें भी यहां पूजा करना है या कोई सामाजिक कार्य करना है वह पालिका से चाबी लेकर कर सकता है। इसमें किसी प्रकार की कोई रोकन नहीं है। एसडीएम कुशवाहा ने बताया कि दीपू बगीचा में अवैध रूप से संचालित छात्रावास की जांच के बाद,इसे बंद करा,यहां निवासरत बच्चों को संरक्षित किया गया था। इस कार्रवाई के दौरान ही स्पष्ट कर दिया गया था कि दीपू बगीचा की चाबी नगर पालिका के पास रहेगी और यहां से इसे लेकर यहां पूजा और कार्यक्रम का आयोजन किया जा सकता है। इसके बावजूद लोगों को गलत जानकारी देकर आंदोलन की जा रही है।
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शहर की किलेबंदी में जुटा प्रशासन
वहीं, मंगलवार को आयोजित होने वाले आंदोलन को देखते हुए जिला प्रशासन ने कलेक्टर कार्यालय के आसपास के क्षेत्र को पूरी तरह से सील करने की तैयारी कर ली है। एसडीएम कुशवाहा ने बताया कि आयोजकों ने दीपू बगीचा से रणजीता स्टेडियम तक रैली निकालने की अनुमति मांगी थी। रविवार को आयोजकों के साथ जिला प्रशासन की बैठक हुई। इस बैठक में आयोजकों से आंदोलन आने वाली भीड़ सहित सभी जानकारी मांगी गई। चर्चा के बाद सुरक्षा के लिहाज से रैली को सही ना मानते हुए,प्रशासन ने इसकी अनुमति नहीं दी है। एसडीएम ने बताया कि आयोजकों को स्टेडियम में सभा करने और यही ज्ञापन सौंपनें की अनुमति दी गई है। शांति व सुरक्षा व्यवस्था बनाएं रखने के लिए बेरिकेटिंग की जा रही है। शहर के कलेक्टर कार्यालय के पास गौरवपथ को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इसके साथ ही विश्राम गृह से कलेक्टर कार्यालय आने वाला रास्ता भी बंद रहेगा। बाहर से आने वाले किसी भी वाहन को शहर में प्रवेश करने की अनुमति नहीं रहेगी। इन वाहनों के लिए सभा स्थल के आसपास पार्किंग व्यवस्था की गई है।
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अतिरिक्त सुरक्षा बलों की होगी तैनाती
दरअसल, प्रेस कांफ्रेंस में डीएसपी परमा ने बताया कि रैली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाएं रखने के लिए जिला बल के अलावा अतिरिक्त सुरक्षा बल की तैनाती की जाएगी। उन्होनें बताया कि कलेक्टर और एसपी कार्यालय के साथ दीपू बगीचा,सभा स्थल के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम की जा रही है। पुलिस प्रशासन किसी भी स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
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यह है पूरा मामला
फिलहाल, 10 अगस्त को एसडीएम प्रशांत कुशवाहा के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीम दीपू बगीचा में संचालित छात्रावास के निरीक्षण के लिए पहुंची थी। इस दौरान संचालक,इस छात्रावास के संचालन की अनुमति से संबंधित कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाएं। छात्रावास के 27 बच्चों में 18 कुपोषित और 3 बीमार हालत में मिले थे। एसडीएम ने छात्रावास को बंद कराने के साथ ही इसके भवन को खाली कर दिया था और बच्चों को सरकारी छात्रावास में शिफ्ट कर दिया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई के विरोध में राजी पड़हा ने आक्रोश रैली की घोषणा की थी।
“आयोजकों को रैली की अनुमति नहीं दी गई है. वाहन भी शहर में प्रवेश नहीं कर पाएंगे.सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जा रहें हैं”-प्रशांत कुशवाहा,एसडीएम,जशपुर
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर