पत्थलगांव/जशपुरनगर : छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में नवरात्रि की तैयारियां अब शुरू हो गई है. मूर्तिकार मां दुर्गा की प्रतिमा की अंतिम रूप देने में जुटे हुए हैं. बतादें कि 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत हो रही है, जिसे लेकर जिले में भी मूर्तिकार अब मां दुर्गा की प्रतिमा को अंतिम रूप दे रहे हैं.
वहीं, यहां छोटी बड़ी हर साइज की मूर्तियां तैयार की जा रही है. यहां की मूर्तियां दूसरे राज्यों में भी भेजी जाती है.पत्थलगांव शहर में मां दुर्गा की प्रतिमा बनाई जा रही है. यहां बनाई गई मूर्तियों की मांग जशपुर जिले ही नहीं बल्कि रायगढ़, कापू, सीतापुर समेत कई अन्य राज्य ओडिशा, झारखंड में भी है.
कई क्षेत्रों से मूर्ति की मांग:
दरअसल, पत्थलगांव शहर निवासी मूर्तिकार मुन्नालाल देवांगन ने बताया कि उनके पिता के द्वारा यहां करीब 80 वर्षों से प्रतिमा तैयार की जा रही थी. जिसके बाद वह 40 वर्षो से भगवान गणेश, दुर्गा, लक्ष्मी माता समेत अन्य मूर्तियां खुद बना रहे है। उनका कहना है कि पहले इस कार्य को पिता द्वारा किए जाते थे. उनके गुजड़ने के बाद वे खुद 40 वर्षो से प्रतिमा का निर्माण करते है. कई क्षेत्रों से मूर्ति की मांग होती है. ऑर्डर पर इस वर्ष कई दर्जन मूर्ति बनाया गया है. उनका कहना है कि जशपुर जिले के कुनकुरी, बगीचा, पत्थलगांव रायगढ़ समेत झारखंड,ओडिसा के पंडालों में इनकी ही मूर्ति विराजित की जाती है. यहां बनाई जा रही प्रतिमाओं की कीमत लोगों की मांग के अनुसार पांच हजार से लेकर एक लाख रुपए तक है.
जीवंत मूर्ति का होता है निर्माण:
फिलहाल, इसकी साथ ही एडवांस बुकिंग के अलावा भी मूर्तिकार कुछ प्रतिमाएं ज्यादा बनाते हैं, ताकि जरुरत पड़ने पर किसी को दी जा सके. उनका कहना है कि यहां की मूर्ति की खासियत है कि सिर्फ मिट्टी से बनी होती है. जिसमें किसी प्रकार की कोई मिलावट नहीं होती है. साथ ही मां दुर्गा का सजावट व प्रतिमा में पहने गहने सब मिट्टी की होती है. इसमें एडिफिसियल से बने गहने नहीं लगाया जाता है. इस पर स्थानीय लोगों का कहना है कि इनके द्वारा जीवंत मूर्ति का निर्माण कराया जाता है. पिछले कुछ साल में लोगों में अच्छा उत्साह देखने को मिल रहा हैं. हाथ से बनाई गई प्रतिमाओं की मांग ज्यादा होती है.
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर