रोहित यादव ( सूरजपुर ) :- परशुरामपुर गांव में आत्मनिर्भर महिला स्व-सहायता समूह अटल एसएचजी के सहयोग से मिट्टी परीक्षण की एक नई पहल की शुरुआत हुई है। इस समूह में 15 सदस्य हैं, जिनकी अध्यक्षता आशा सिंह कर रही हैं। ओएनजीसी की सीएसआर पहल के तहत, आईएसडीजी रिसर्च फाउंडेशन ने मिट्टी परीक्षण किट उपलब्ध कराया है, जो इस क्षेत्र के किसानों को अपनी मिट्टी की गुणवत्ता को समझने और उचित कृषि पद्धतियों को अपनाने में मदद करेगी। मिट्टी परीक्षण से पता चला कि परशुरामपुर की मिट्टी का पीएच स्तर अत्यधिक अम्लीय है, जिससे संतुलित करने के लिए प्रति एकड़ 120 किलोग्राम चूना (लाइम) की आवश्यकता है। इसके अलावा, मिट्टी में प्रमुख पोषक तत्वों जैसे नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम (एनपीके) की कमी पाई गई है। इसके लिए अनुशंसित उर्वरक मात्रा से 25 प्रतिशत अधिक उर्वरक डालने की सिफारिश की गई है, ताकि इन पोषक तत्वों की कमी को दूर किया जा सके।
मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों की भी कमी है, जिसे संतुलित करने के लिए बड़ी मात्रा में जैविक खाद्य का उपयोग करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही जिंक, बोरॉन, आयरन, और कॉपर जैसे सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी भी पाई गई है, जिनकी भरपाई के लिए उचित मात्रा में सूक्ष्म पोषक तत्वों को मिट्टी में मिलाने की आवश्यकता होगी।
संस्था के समन्वयक जितेश मौर्य गाँव के किसानों को भी खेती के पहले मिटटी जांच कराने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।