रोहित यादव ( प्रतापपुर ) :- सूरजपुर जिले के प्रतापपुर विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। सरकारी स्कूलों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है, जिससे ग्रामीणों और छात्रों में आक्रोश बढ़ रहा है। शिक्षा के मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में न केवल पढ़ाई-लिखाई प्रभावित हो रही है, बल्कि शिक्षकों और अधिकारियों की लापरवाही से ऐसे गंभीर मामले सामने आ रहे हैं, जिन्होंने शिक्षा विभाग को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
शिक्षक पर छेड़छाड़ का आरोप, प्रधानपाठिका भी संलिप्त
तीन दिन पहले विकासखंड के सोनगरा क्षेत्र के एक शासकीय स्कूल की 19 छात्राओं ने शिक्षक सुमन कुमार रवि पर छेड़छाड़ और अन्य गंभीर आरोप लगाए। इस मामले में स्कूल की महिला प्रधानपाठिका पर आरोपी शिक्षक का सहयोग करने का भी आरोप है। जांच में आरोप सही पाए गए। हालांकि, मामले के प्रकाश में आने के बाद आरोपी शिक्षक और प्रधानपाठिका फरार हो गए हैं।
छात्राओं ने पहले विकासखंड शिक्षा अधिकारी और जिला अधिकारियों को इस घटना की सूचना दी थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने पर मजबूर होकर उन्होंने पुलिस के टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है, लेकिन आरोपी शिक्षक और प्रधानपाठिका को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया जा सका है।
ग्रामीणों में आक्रोश
इस घटना से क्षेत्र के ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश है। ग्रामीणों ने मांग की है कि आरोपी शिक्षक को जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए और संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई की जाए।
शिक्षक ने दी गोली मारने की धमकी, वीडियो हुआ वायरल
इस बीच, एक और सनसनीखेज घटना सामने आई, जिसमें एक शिक्षक शराब के नशे में स्कूल में बंदूक लेकर पहुंचा और एक शिक्षिका को गोली मारने की धमकी दी। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसके बाद शिक्षा विभाग की जमकर आलोचना हो रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में अब तक कोई अपराध दर्ज नहीं किया है।
शिक्षा विभाग की लापरवाही उजागर
प्रतापपुर क्षेत्र में शिक्षकों की अनुशासनहीनता और अधिकारियों की लापरवाही के चलते शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है।
कुछ स्कूलों में ताले लटके रहते हैं।
कहीं शिक्षक शराब के नशे में स्कूल पहुंच रहे हैं।
कई शिक्षक नेटवर्किंग व्यवसाय में लिप्त हैं और सेमिनार में भाग लेने के लिए स्कूल से गायब रहते हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित हो रही है।
बीईओ की कार्यप्रणाली पर सवाल
विकासखंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) की कार्यप्रणाली को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि बीईओ कभी भी गंभीर मामलों पर ध्यान नहीं देते और न ही दूरस्थ स्कूलों की मॉनिटरिंग करते हैं। वे केवल ऑफिस में बैठकर खानापूर्ति करते हैं। क्षेत्रवासियों ने जिला प्रशासन से बीईओ को तत्काल हटाने की मांग की है।
सरकार की नीतियों पर असर
छत्तीसगढ़ सरकार जहां गरीब और आदिवासी बच्चों को उच्च शिक्षा प्रदान करने के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, वहीं शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों की लापरवाही से ये प्रयास विफल हो रहे हैं। अब ग्रामीण अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाने से कतराने लगे हैं।
ग्रामीणों की मांग
1. आरोपी शिक्षक और प्रधानपाठिका की जल्द गिरफ्तारी।
2. नेटवर्किंग कार्य से जुड़े शिक्षकों पर कार्रवाई।
3. बीईओ को तत्काल हटाया जाए।
4. शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
निष्कर्ष
प्रतापपुर विकासखंड में शिक्षा व्यवस्था के गिरते स्तर ने सरकार और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। समय रहते यदि इन मामलों में कड़ी कार्रवाई नहीं की गई, तो यह क्षेत्र की आने वाली पीढ़ी के भविष्य को अंधकार में धकेल देगा।