रोहित यादव ( प्रतापपुर ) :- प्रतापपुर में आए दिन भारी वाहनों की वजह से हो रहे ट्रैफिक जाम ने नागरिकों का जीवन दूभर कर दिया है। मुख्य सड़क पर दुकानों के सामने तीतर-भीटर मोटरसाइकिल और कार खड़ी करने के कारण यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। इस समस्या के चलते बाजार के दिनों में जाम की स्थिति और भी गंभीर हो जाती है, जिससे स्थानीय नागरिकों और राहगीरों को घंटों परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
प्रशासनिक आदेशों की अनदेखी
प्रशासन द्वारा पहले ही यह आदेश जारी किया गया है कि प्रतापपुर में सुबह 7:00 बजे से शाम 8:00 बजे तक भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। इसके बावजूद, इन नियमों की लगातार अनदेखी हो रही है। भारी वाहन प्रतिदिन बिना किसी रोक-टोक के प्रवेश कर रहे हैं, जिससे यातायात बाधित हो रहा है।
पुलिस प्रशासन की नाकामी
स्थानीय नागरिकों का आरोप है कि पुलिस प्रशासन इस समस्या को सुलझाने में पूरी तरह नाकाम रहा है। ट्रैफिक जाम के दौरान पुलिस की उपस्थिति न के बराबर रहती है, और किसी भी प्रकार की पहल या समाधान के प्रयास नहीं किए जाते।
बाजार के दिनों में हालात और बदतर
शुक्रवार और सोमवार को बाजार के दिनों में भीड़ अधिक होने के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या और गंभीर हो जाती है। लोग घंटों जाम में फंसे रहते हैं, जिससे न केवल उनका समय बर्बाद होता है, बल्कि उनकी रोजमर्रा की गतिविधियां भी प्रभावित होती हैं।
दुर्घटनाओं की बढ़ती संभावना
भारी वाहनों के अनियंत्रित आवागमन और सड़क पर खड़ी वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग के कारण दुर्घटनाओं की संभावना भी बढ़ गई है। पहले ही कई बड़ी दुर्घटनाएं घटित हो चुकी हैं, और यदि स्थिति पर जल्द ही नियंत्रण नहीं किया गया, तो भविष्य में और भी गंभीर हादसे हो सकते हैं।
स्थानीय नागरिकों की मांग
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि:
भारी वाहनों के प्रवेश पर सख्ती से प्रतिबंध लगाया जाए।
मुख्य सड़क पर वाहनों की अव्यवस्थित पार्किंग को नियंत्रित किया जाए।
ट्रैफिक व्यवस्था को सुधारने के लिए पुलिस की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
बाजार के दिनों में ट्रैफिक को व्यवस्थित करने के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएं।
प्रतापपुर में ट्रैफिक जाम की समस्या केवल प्रशासनिक अनदेखी और यातायात नियमों के पालन में लापरवाही का परिणाम है। यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो यह न केवल नागरिकों के जीवन को कठिन बनाएगा, बल्कि सड़क सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न करेगा। प्रशासन को इस दिशा में त्वरित और प्रभावी कदम उठाने की आवश्यकता है।