कलेक्टर श्री रितेश कुमार अग्रवाल ने आज कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने विभागीय योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए। गौठानवार खाद उत्पादन के संबंध में जानकारी लेते हुए खाद निर्माण में प्रगति लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर वनमंडलाधिकारी श्री कृष्ण जाधव, उप संचालक कृषि, पशुपालन, सहायक संचालक उद्यानिकी सहित सम्बंधित विभागों के एसएडीओ, आरएईओ, उद्यान अधीक्षक, आरएचओ एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर ने विकासखण्डवार गौठानों में हुए गोबर खरीदी, जैविक खाद उत्पादन की स्थिति की जानकारी लेते हुए खाद निर्माण प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि गोधन न्याय योजना प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही नही होनी चाहिए। सभी गौठानो में नियमित रूप से गोबर खरीदी होनी चाहिए। जिससे समय पर खाद का पुनः उत्पादन किया जा सके, साथ ही निर्मित खाद की छनाई व पैकेजिंग कार्य भी शीघ्रता से करने की बात कही। उन्होंने कहा कि वर्मी टाको में 45 से अधिक दिनों से भरे हुए खाद की नियमित अंतराल में छनाई होनी चाहिए। जिससे खाद निर्माण में प्रगति आ सके।
कलेक्टर श्री अग्रवाल ने इस दौरान जिले के स्वावलंबी गौठान के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि गोठान को स्वावलंबी बनाने के लिए सभी अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से प्रयास करने की आवश्यकता है। गौठानों को स्वावलंबी बनाने से ही महिलाएं आत्मनिर्भर बन पाएंगी। इस हेतु उन्होंने गोठान से जुड़ी महिला समूह को खाद निर्माण के अतिरिक्त उनकी रुचि अनुसार मुर्गी-बकरी पालन, मशरूम उत्पादन, केंचुआ उत्पादन जैसी अन्य आजीविका संवर्धन गतिविधियों से जोड़ने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने गौठान से जुड़े सभी नोडल अधिकारियो को सम्बंधित गौठान को स्वावलंबी बनाने एवं समूह की महिलाओं की आय बढ़ाने के लिए रणनीति तैयार कर कार्ययोजना प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर ने कहा कि सभी एसएडीओ, आरएईओ गौठान में जाकर गौठान समिति, महिला समूह, कृषको, पशुपालकों की नियमित बैठक कर उन्हें शासकीय योजनाओं से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित करें। जिससे वे गौठान में रोजगार मूलक कार्य कर अपनी आमदनी में वृद्धि कर सके। उन्होंने कहा कि समूह की महिलाओं को गौठान में रोजगार उपलब्ध कराकर ही गौठान को स्वालम्बी बनाया जा सकता है। कलेक्टर ने डीडी वेटनरी को गौठान में चारागाह विकास कार्य में विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। चारागाहों में नेपियर घास, मक्का, बाजरा सहित अन्य फसलों की खेती प्राथमिकता से करने की बात कही। साथ ही गौठान में समूह की महिलाओं को मुर्गी बकरी यूनिट प्रदान कर उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए निर्देशित किया।
कलेक्टर ने उद्यानिकी विभाग के योजनाओं की समीक्षा करते हुए सभी गौठान में प्राथमिकता से बाड़ी विकास करने के लिए निर्देशित किया। इस हेतु कार्य योजना बनाकर प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिले के चयनित स्थानों में टमाटर, आम, सहित अन्य उत्पादों के प्रोसेसिंग यूनिट स्थापित करने हेतु भी प्रस्ताव देने के लिए कहा। साथ ही विभागीय योजनाओं के माध्यम से अधिक से अधिक हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए।