लाइफ़स्टाइल न्यूज डेस्क :- कान का मैल कोई बुरी चीज नहीं मानी जाती है. यह आपके कानों के लिए अच्छा है. कान का मोम आपके कान को धूल और मलबे से बचाता है जो आपके कान के चारों ओर अपना रास्ता बना सकते हैं, लेकिन कोई नहीं चाहता है कि आपके कानों में बहुत ज्यादा मोम जमा हो, क्योंकि इससे समस्याएं भी हो सकती हैं।
दरअसल, सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कान को साफ करना जरूरी है, ताकि कान के सेंसिटिव हिस्सों को नुकसान न पहुंचे. जबकि ईयर बड्स कान साफ करने के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जाने वाला माध्यम हैं और वे कई दुकानों में उपलब्ध हैं, लेकिन वे ऐसा करने का सबसे अच्छा तरीका नहीं हो सकते हैं. आपके साइनस और कान आपके सिर के अंदर जुड़े हुए हैं. इसलिए साइनस जमाव और भरापन आपके कानों में दबाव को प्रभावित कर सकता है. आपके कान क्यों बंद हो जाते हैं इसके और भी कारण हैं. यहां हम कुछ घरेलू उपचारों के बारे में बता रहे हैं जिन्हें आ बिना किसी परेशानी के अपने कान साफ करने के लिए कर सकते हैं।
कान की सफाई करने के लिए घरेलू नुस्खे | Home remedies to clean ears
1. गर्म पानी
शॉवर लेने के तुरंत बाद अपने कान के बाहरी हिस्से पर रुई का फाहा रगड़ें. आपके शॉवर का गर्म पानी आपके कान पर जमा किसी भी गंदगी को ढीला कर देगा. अगर आप अपने कानों पर रुई के फाहे का उपयोग करते हैं, तो ध्यान रखें कि आप इसे कभी भी अपने कान की नलिका में न डालें. रुई के फाहे को बहुत जोर से डालने पर कान का परदा फट सकता है।
2. नमक का पानी
कान की गंदगी हटाने के उपाय के लिए आपको गर्म पानी में नमक डालना है. एक बार जब सारा नमक घुल जाए, तो एक कान को ऊपर की ओर झुकाएं और एक रुई के फाहे का उपयोग करके घोल को अपने कान के चारों ओर धीरे से रगड़ें, जिससे पानी आपके कान के अंदर टपक सके. एक मिनट के बाद अपने कान को नीचे झुकाएं और घोल को बाहर निकलने दें।
3. हाइड्रोजन पेरोक्साइड
बता दें कि, गंदगी को हटाने के सबसे प्रभावी तरीकों में से एक हाइड्रोजन पेरोक्साइड आपके कान के अंदर से जिद्दी मोम को हटाने में सबसे अच्छा है. ड्रॉपर का उपयोग करके एक तरफ लेटते समय हाइड्रोजन पेरोक्साइड और पानी (समान मात्रा में) का मिश्रण अपने कान में रखें. एक से दो मिनट के बाद बैठ जाएं और घोल को अपने कान के पास रखे कागज के तौलिये या वॉशक्लॉथ में बहने दें।
फिलहाल, अपने कानों की सफाई करते समय यह बहुत जरूरी है कि कभी भी कुछ भी अपने कान में जबरदस्ती न डालें।
रिपोर्टर गजाधर पैंकरा, जशपुर