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जशपुरनगर. विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा के उत्थान के लिए राज्य शासन लगातार प्रयासरत है.विलुप्ता के कगार पर खड़ी इस जनजाति को राष्ट्रपति ने गोद ले रखा है. लिहाजा शैने शैने ही सही इन्होने अब विकास का रुख कर लिया है.कई सरकारी नौकरी में भी हैं.
ऐसे ही पहाड़ी कोरवा जनजाति के एक सदस्य ने हिस्ट्री के पन्नों में दस्तक दे दी है.
पहाड़ी कोरवा रविंद्र राम हसदा सन 1999 मे कलेक्टर कार्यालय में भृत्य के पद पर नौकरी ज्वाइन की थी. और अब प्रमोशन के बाद बगीचा एसडीएम कार्यालय में सहायक रीडर के के पद पर कार्यरत हैं. इनकी कर्तब्यनिष्ठा और सदगुण से प्रभावित होकर आईएएस अफसरों व डिप्टी कलेक्टर ने कई पुरुस्कारों से सम्मानित किया है.
सादगी और कर्तब्यनिष्ठा से अफसरों का दिल जीता
12 साल से सेवा दे रहे, 42 वर्षीय रविंद्र बाबू के सादगी और नियमित कार्यालय में उपस्थिति ने आईएएस अफसरों का दिल जीत लिया. बगीचा में पूर्व आईएएस ऑफिसर कुलदीप शर्मा और रजेन्द्र कटारा ने इन्हे प्रस्तिति पत्र देकर सम्मानित किया है. वहीं स्वछता सर्वेक्षण में बेहतर कार्य के लिए डिप्टी कलेक्टर प्रेम कुमार पटेल और पुष्पेंद्र शर्मा के हांथों सम्मानित हुए थे.
रविन्द्र जब जशपुर कलेक्टर कार्यालय में पदस्थ थे तब इन्हे बेहतर निर्वाचन कार्य और जनगणना कार्य के लिए दो बार डिप्टी कलेक्टर डी. डी. प्रधान ने सम्मानित किया था.
हिस्ट्री के जानकार बताते हैं, की रविंद्र बाबू पहाड़ी कोरवा जनजाति के पहले ऐसे सदस्य हैं, जिन्हे इतने सारे सम्मान से नवाजा गया है. रविन्द्र बगीचा पंड्रापाठ के निवासी हैं, इनके बच्चे आत्मा नन्द इंग्लिश मीडियम, कस्तूरबा गाँधी और रामकृष्ण स्कूल में अध्ययनरत हैं.
बहरहाल, जिला प्रशासन पहाड़ी कोरवा जनजाति के विकास में लगातार प्रयासरत है. जिसमें रवींद्र बाबू इस विकास की गाथा के मिशाल हैं.