कोरबा: पाली वन परिक्षेत्र के अंतर्गत छिदपानी के जंगल से निकल कर एक नर चीतल गांव के तालाब में पानी पीने पहुंचा था। जिस पर गांव के कुत्तों की नजर पड़ गई। कुत्तों के झुंड ने दौड़ा कर चीतल को बुरी तरह घायल कर दिया। नहाने पहुंचे ग्रामीणों के द्वारा नर चीतल को कुत्तों से जब तक बचाया जाता, उसकी मौत हो गई।
इन दिनों पड़ रही भीषण गर्मी से मैदानी व रिहायशी क्षेत्रों की तरह जंगल में भी जल संकट गहराने लगी है। पानी की तालाश में वन्य जीव भटक कर रिहायशी क्षेत्र की ओर आने लगे हैं। ग्राम छिंदपानी के तालाब में पानी पहुंचे चीतल का कुत्तों के झुंड ने हमला बोल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। ग्रामीणों ने कुत्तों को भगा कर इसकी सूचना वन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने मृत चीतल को कब्जे में लिया। पशु चिकित्सक पाली ने पोस्टपार्टम किया। इसके बाद वन कर्मियों ने उसका अंतिम संस्कार किया। पाली वन परिक्षेत्र मे बड़ी संख्या में चीतल-हिरन समूह विचरण करते हैं जो गर्मी के मौसम में पहाडी मे पानी चारे की कमी पर आसपास के गांव पहुंचते हैं। इस दौरान कुत्तों का शिकार बन जाते हैं अथवा सड़क दुर्घटना मे मारे जाते हैं। गर्मी के कारण शिकारियों की भी जंगल में सक्रियता बढ़ गई है। कोयला खदान खुलने और हाईवे बन जाने के कारण इनका रहवास क्षेत्र सिमट कर रह गया है। हाथियों का उत्पात बढ़ गया है। वन विभाग इनके पानी चारे की व्यवस्था सहित संरक्षण सुरक्षा के उपाय करने मे अब तक नाकाम रहा है। इससे पहले भी पानी की समस्या से जूझ रहे तेंदुआ की डिहाड्रेशन की वजह से मौत हो गई थी। एक अन्य तेंदुआ को जहर देकर मार दिया गया था, जिसका छाल, नख व दांत का अभी तक पता नहीं चल सका है।