GPM:- आज जनसेवा के लिए वाकई में कुछ आत्मा ऐसे हैं जो पहाड़ के जंगलों में भी उस चिलचिलाती धूप में जहां पानी की व्यवस्था नहीं प्रकाश नहीं पर बैठकर जनकल्याण करना नहीं छोड़ते बाल हट राज हट योग हट यह चरितार्थ पूर्णता सिद्ध होता नजर आ रहा है. यूं ही कई बाबा रोड पर घूमते कई बाबा करोड़ों के आश्रम पर बैठकर नजर आते हैं पर गिने चुने ही बाबा ऐसे होते हैं जो पर स्वार्थ के लिए
जंगलों में अपना स्थान बनाते हैं. पर स्वार्थ के कारण मोहि न आवत लाज को चरितार्थ करते हैं इन्हीं में एक है बाबा अशोक नाथ जो जाता पहाड़ खैरा बीट पर पचरा नामक गांव के जंगल में अपना बसेरा किए हुए हैं जहां से इन्हें जड़ी बूटी लाने में सहूलियत महसूस होती है जो खैरा के पास तिराहा से पूडु रोड पर ठीक 2 किलोमीटर की दूरी पर अपना स्थान बनाए हुए हैं. जिसका नाम गुरु वशिष्ठ आश्रम रखा गया है. जिसे अब बाबा अशोक नाथ योग आश्रम का नाम देना चाहते हैं. यहां लकवा बांझपन गाजियाबाद बात पित्त पथरी शुगर
बीपी आदि कई बीमारियों का इलाज यूं ही जल्द ठीक कर दिए जाते हैं. 10 वर्ष तक बाबा पेड़ के नीचे रहे अब 10 वर्षों से एक कुटिया बनाकर अपना स्थान बनाए हैं जहां इनके द्वारा राम कुटी की निर्माण कराई जा रही है, परंतु आर्थिक स्थिति ठीक नहीं होने के कारण अभी तक राम कुटी अधूरा पड़ा है. प्रकाश की व्यवस्था भी सुचारू रूप से नहीं होने के कारण बाबा अनेक जींस जीव जंतुओं के बीच रहकर परिवार सा महसूस करते हैं. ऐसे आत्मा दुनिया में बहुत कम होते हैं जो पर स्वार्थ के लिए अपना स्वार्थ का त्याग कर पानी बरसा और तूफान के बीच में रह कर अपना जीवन व्यतीत करते हैं. दार्शनिक स्थल भी है जहां जाकर समय व्यतीत किया जा सकता है. जी पीएम से कृष्णा पांडे की रिपोर्ट