जशपुर:- विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर जशपुर जिले के किलकिला धाम में बुधवार को महिला बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, पूर्व प्रदेश महामंत्री कृष्ण कुमार राय, पत्थलगांव विधायक श्रीमती गोमती साय, जशपुर विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिलाध्यक्ष सुनील गुप्ता की उपस्थिति में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
संगोष्ठी में भाजपा नेताओं ने कहा कि विभाजन की विभीषिका के रूप में विभाजन की त्रासदी को याद करने और नई पीढ़ी को उससे अवगत कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 14 अगस्त 2021 से इस दिवस के आयोजन की परंपरा को शुरू किया। हमारे देश का एक महाविनाशकारी विभाजन हुआ। जो समाज,देश पीछे की ओर अपनी भूलों का स्मरण कर वर्तमान को सुधारते हुए भविष्य का एक सुनहरा चित्र प्रस्तुत करता है, भविष्य के सपने बुनने का काम करता है, वह समाज आदर प्राप्त करता है। जब हम इतिहास से सीख नहीं लेते, तब गलतियों की पुनरावृत्ति होती है और इसलिए बार-बार ऐसे संकट जो हमारे देश के समक्ष आए, हमारे सामने प्रस्तुत हुए, उससे सीख लेकर पिछली गलतियों को सुधारते हुए और आगे के लिए सही नीति का का क्रियान्वयन हो, यह हमारे लिए, हमारे समाज के लिए, हमारे देश के लिए आवश्यक है।
आज का यह दिन हमको इस विषय पर विचार करने के लिए प्रेरित करता है और इसलिए संपूर्ण देश के अंदर भारत विभाजन दु:खांतिका का स्मरण कराने का काम हम कर रहे हैं। जब देश 15 अगस्त 1947 को स्वतंत्रता के जश्न में डूबा था, उसी समय देश के अंदर लाखों लोगों के घर लूटे गए, उनकी अपनी खुद की भूमि से उनको अलग होना पड़ा, हमारे ही समान उन्होंने भी स्वतंत्रता के लिए आंदोलन किया था, वह भी जेल गए। कांग्रेस के अधिवेशन लाहौर कराची के अधिवेशन में भी गए थे। आंकड़ों में बोलना हो तो अलग-अलग प्रकार के लोगों ने अलग-अलग प्रकार के आंकड़े दिए हैं। 2 लाख से लेकर 20 लाख तक की संख्या की आबादी विभाजन के कारण हत्या की शिकार हुई। डेढ़ करोड़ लोगों की आबादी के अपनी भूमि से निर्वासित होना पड़ा और 78 हजार वर्ग मील भूमि हमारे हाथ से चली गई।
आगे भाजपा नेताओं ने दुर्गादास और रा,स्व,संघ के सर कार्यवाह रहे एच.वी.शेषाद्रि की पुस्तक ‘और देश बँट गया’ का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारे देश के ऊपर शासन करने वाले साम्राज्यवादी शक्तियों के प्रतीक अंग्रेजों को जब ऐसा लगा कि देश का देश को छोड़कर जाना ही पड़ेगा तो जाते-जाते वह इसका विभाजन कर गए। अंग्रेज सोचते थे कि यहां भारत पाक संघर्ष होता रहेगा हम पंच के रूप में यहां पर नेता बने रहेंगे, भारत कमजोर रहेगा। इसलिए उन्होंने विभाजन के बीज बोने का काम किया। 1857 स्वाधीनता का जो प्रथम समर है, उसमें कहीं हिंदू और मुस्लिम का भेद नहीं दिखता है। बहादुरशाह जफर के नेतृत्व में भारत अपनी स्वतंत्रता के लिए निकला। अंग्रेज जानते थे कि अगर यह स्वतंत्रता की लड़ाई मिलकर लड़ते रहेंगे तो हम लंबे समय तक शासन नहीं कर पाएंगे, इसलिए मुस्लिम लीग की स्थापना 1906 में ढाका में हुई और फूट डालो-राज करो की नीति पर काम किया। टू-नेशन थ्योरी के तहत दो ही राष्ट्र मुस्लिम देश अलग, हिंदू राष्ट्र अलग। इसके लिए मुस्लिम लीग ने 1940 में कहा हम भारत में नहीं रह सकते हैं। यदि राष्ट्र का आधार धर्म है तो पाकिस्तान ,पूर्वी पाकिस्तान, आज का पाकिस्तान और बांग्लादेश का विभाजन क्यों हुआ? अफगानिस्तान और पाकिस्तान क्यों संघर्ष हुआ? दोनों ही मुस्लिम देश हैं। इस तरह एक गलत सिद्धांत को रचने का काम किया गया।
तत्कालीन नेतृत्व ने काश धैर्य का परिचय दिया होता तो यह विभाजन नहीं होता। विभाजन तय होने के बाद जिन्ना जब कराची पहुँचे तो अपने एड़ीसी से उन्होंने कहा कि मुझे कल्पना नहीं थी इतनी जल्दी पाकिस्तान मिल जाएगा और कांग्रेस मान जाएगी। पाकिस्तान बनने के 11 महीने के बाद जिन्ना का इंतकाल हो गया। इसी प्रकार आजाद हिंद फौज के बढ़ते प्रभाव के बावजूद भारतीय नेताओं ने धैर्य का परिचय नहीं दिया। अंग्रेजों को लगता था कि आजाद हिंद फौज के सैनिकों की फौज उनके साथ खड़ी रही तो हम विभाजन नहीं कर सकते, इसलिए विभाजन की जो तारीख तय हुई थी, अंग्रेज उससे जल्दी भारत छोड़कर चले गए।
1905 में अंग्रेज बंग भंग लेकर आई थी। 1916 के लखनऊ अधिवेशन के बाद इस देश में एक परंपरा, जिसके दंश भारत आज भी भुगत रहा है, तुष्टीकरण शुरू हुई। हिंदी के नाम पर हिंदुस्तानी भाषा का नामकरण किया गया। तुष्टिकरण कल्चर से भारत झुकता चला गया।
आज इतना आगे आने के बाद हमको विचार करना पड़ रहा है कि विभाजन से क्या मिला? हम तो किसी प्रकार से सम्हल रहे हैं लेकिन पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति क्या है? भीख का कटोरा लेकर संपूर्ण दुनिया के अंदर घूम रहा है और चीन और अमेरिका का पिछलग्गू बनकर मोहरा बनकर काम कर रहा है। अगर भारत एक होता तो दुनिया का सबसे समृद्ध और शक्तिशाली देश होता। । इस देश के अंदर संविधान का गौरव बढ़ाने का काम पिचले 10 वर्षों में श्री मोदी ने किया। यह कांग्रेस ने नहीं किया था लेकिन कहा गया कि वह संविधान बदल देगा। जिन्होंने बाबा साहब को चुनाव नहीं जीतने दिया, वे लोग कह रहे हैं कि संविधान बदल देंगे।
भाजपा नेताओं ने आग्रह किया कि पहले समाज के लोगों को यह मालूम होना चाहिए कि सत्य क्या है? और हम स्वयं ही सत्य बोलें। इसकी जानकारी भी इकट्ठा करें, इसका अध्ययन भी करें और अपने आने वाली पीढ़ी को इस बारे में बताइए। इन राष्ट्र विरोधी ताकतों की असलियत को समझते हुए उनके फेक नैरेटिव से बचाना है।
उक्त जानकारी देते हुए जिला।भाजपा मीडिया प्रभारी फैज़ान सरवर खान ने बताया कि किलकिला धाम में आयोजित संगोष्ठी में मुख्य रूप से जिला महामंत्री द्वय भरत सिंह, मुकेश शर्मा, जिला उपाध्यक्ष सुनील अग्रवाल, जिला पंचायत उपाध्यक्ष उपेन्द्र यादव, मनीष अग्रवाल, विजय शर्मा, संतोष सिंह, अनिल मित्तल, अंकित बंसल, डीडीसी ममता कश्यप, अनिता सिंह, सुनील राय,
सहित भाजपा पदाधिकारी कार्यकर्ता, विभाजन विभीषिका का दंश झेल चुके लोग एवं उनके परिवार, विभिन्न संगठनों से आए आमजन मौजूद रहे।