Third Gender Birth Reason :- हमारी प्रकृति में महिला पुरुष के अलावा एक जेंडर भी होता है, जिसे किन्नर, हिजड़ा या ट्रांसजेंडर के नाम से जाना जाता है. ये ना तो पूरी तरह पुरुष होते हैं ना ही पूरी तरह महिला, बल्कि वे एक तीसरे जेंडर के रूप में समाज में जाने जाते हैं.
वहीं, अगर साफ शब्दों में कहें तो कई बार इनकी वेश भूषा महिला जैसी होती है गुण पुरुषों की तरह. वहीं कई बार ऐसा भी होता है कि पुरुषों के रूप में इन्हें महिलाओं जैसाा व्यवहार देखने को मिलता है. इस लेख में किन्नरों यानी कि ट्रांसजेंडर के जन्म से जुड़े सवालों पुराणों, शास्त्रों में उनके बारे में बताए गए तथ्यों पर चर्चा की गई है. इसके साथ ही आज हम आपको बताएंगे कि किन्नरों का जन्म कैसे होता है इसके पीछे कौन-कौन सी धार्मिक ज्योतिषीय मान्यताएं जुड़ी हुई हैं.
एक श्राप की वजह से अर्जुन भी बन गए थे हिजड़ा
दरअसल, हमारे पुराणों शास्त्रों में भी किन्नरों के बारे में लिखा हुआ है. यहां तक कि उर्वशी के श्राप के कारण एक बार अर्जुन भी हिजड़ा बन गए थे. इसलिए अज्ञातवास के समय कोई भी उनको पहचान नहीं सका. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सूर्य, चंद्रमा, मंगल, लग्न से गर्भधारण होता है. यदि गर्भ धारण करते समय बच्चे की कुंडली में आठवें घर में शुक्र शनि विराजमान हो उन्हें वृहस्पति चंद्रमा नहीं देख पाता है तो भ्रूण नपुंसक हो जाता है उसका जन्म किन्नर के रूप में होता है.
एक फैक्ट ये भी
फिलहाल, एक मत ये भी है कि जब महिला के अंडे में वीर्य ज्यादा होता है तो लड़का बनता है जब वीर्य कम खून ज्यादा होता है तो लड़की का जन्म होता है. किन्तु जब वीर्य रक्त की मात्रा ठीक बराबर हो जाती है तो किन्नर का जन्म होता है. शास्त्रों में पिछले जन्म के कर्मो के फल के कारण भी किन्नर बनने की बात कही गयी है. आज विज्ञान का युग है. अल्ट्रासाउंड में पहले ही पता चल जाता है कि गर्भ में पल रहे शिशु का लिंग क्या है. इसलिए गर्भवस्था के दौरान सभी जांचे करवानी चाहिए. ताकि भविष्य में किसी तरह की परेशानी का सामना ना करना पड़े.
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. ‘IBN24 news’ इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है.
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रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर