लोक निर्माण विभाग संभाग रामानुजगंज के कार्यपालन अभियंता की कार्यशैली हमेशा से विवादित रही है जिसके संबंध में कई दफा विभाग से संबंधित ठेकेदारों ने खुले तौर पर नाराजगी जाहिर करते हुए शिकायत की गयी थी। जिसमें नियम विरूद्ध पैसा आरहण,अपने मनचाहे ठेकेदार को गलत तरीके से टेंडर दिलाना,मनमाफिक टेंडर को निरस्त करना एवं पुनःउसी टेंडर को अपने प्रिय ठेकेदार को दिलाने का आरोप प्रमुख है।कार्यपालन अभियंता की की इस कार्य शैली को कई न्यूज एजेंसीयों ने प्रमुखता से उठाया था।
इसके अलावा भी कार्यपालन अभियंता के कर्मचारियों से व्यकितगत व्यवहार के कारण भी कार्यालय की छवि धूमिल होती रही है ठेकेदारों के कहने पर ठेकेदारों के पसंद के बाबुओं के बीच कार्य विभाजन करने के कारण कार्यालय में आपसी लड़ाई भी उजागर हुई थी जिसपर कार्यालय में कर्मचारियों ने तालाबंदी तक कि नौबत आ गयी थी। जिस पर अधिक्षण अभियंता अम्बिकापुर द्वारा भी कड़े शब्दों में चेतवानी जारी कर मामले को संभाला था।
तत्कालीन कलेक्टर रहे बलरामपुर-रामानुजगंज श्री कुन्दन कुमार द्वारा भी कार्यालय के अधिकारीयों कर्मचारियों की कार्यषैली पर प्राप्त हो रही शिकायतों पर स्वयं जांच करने पहुचें थे पुरा दिन जांच उपरांत कार्यप्रणाली पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त अधिकारी कर्मचारियों के वेतन आहरण पर रोक भी लगाई थी इसके साथ-साथ कार्य की धीमी गति, गुणवत्ताविहीन कार्यों तथा टेंडर में की जा ही गड़बड़ियों को लेकर जमकर खरीखोटी सुनाई थी। कलेक्टर कुंदन कुमार ने टेंडर प्रक्रिया एवं दस्तावेज संधारण की गयी गड़बड़ियों में जांच हेतु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) अुनभाग रामानुजगंज,कोषालय अधिकारी तथा कार्यपालन अभियंता जल संसाधन विभाग संभाग बलरामपुर की संयुक्त दल का गठन हुआ था। कलेक्टर के निर्देष उपरांत जांच दल द्वारा विभीन्न बिन्दुओं पर जांच किया गया है जिस पर कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग संभाग रामानुजगंज के द्वारा की गयी विभीन्न बिन्दुओं पर गड़बड़ियां उजागर हुई है जिसमें मुख्य रूप से अपने मनचाहे ठेकेदार को टेंडर दिलाना प्राप्त हुई है।
*कार्यपालन अभियंता की कार्यषैली ऐसी भी है कि टेंडर निकलने एवं प्राप्त होने के बाद उनके द्वारा टेंडर को निरस्त करने की सूचना निकाल दी गयी और और फिर उसी टेंडर पर अपने मनचाहे ठेकदार को वर्क आर्डर जारी कर दिया। जिसकी षिकायत भी कई बार ठेकेदारों में द्वारा की गयी।*
कार्यपालन अभियंता द्वारा टेंडर आनलाईन प्राप्त होने के पश्चात टेंडर को आफलाईन निरस्त करने की सूचना निकाल देते हैं।
कार्यपालन इसके अलावा भी कार्यपालन अभियंता पी.डब्ल्यूडी द्वारा अपने विभागीय कर्मचारियों के साथ मिलकर कई गड़बडियां की गयी है जिस पर यदि बारिकी से जांच हो जाए तो अधिकारी पर कारवाई तय है। अब देखना यह है कि समिति द्वारा की गयी अनुषंसा पर कारवाई कब तक की जाती है
*उच्च अधिकारीयों के संज्ञान में न आए इसलिये एक ही निर्माण कार्य को टुकड़ों में टेंडर निकाला*
कार्यपालन अभियंताए लोक निर्माण विभाग द्वारा अपने चहेतों को लाभ दिलाने के लिये बड़े.बड़े कामों को छोटे.छोटे कामों में विभाजन कर टेंडर जारी किया गया ताकि उच्च अधिकारियों की अनुमति न लेना पड़ेए कार्यपालन अभियंता अपनी मर्जी से मनमाफिक कार्यों को उच्च अधिकारियों की अनुमति न लेना पड़े इस इेतु उनके द्वारा एक ही निर्माण कार्यों को छोटेष्छोटे कार्यों में बांटकर टेंडर निकाल दिया करतें है।
*10 साल से चल रहा ITI भवन का निर्माण ,किये जा रहे कार्यों की गुणवत्ता भी बेहद खराब*
जिले में लोक निर्माण विभाग के द्वारा जो भी कार्य कराए जा रहे हैं वो बेहद ही धीमी गति से कराए जा रहे हैं, कुछ निर्माण कार्य तो ऐसे हैं जो 10-10 सालों से निर्माण कार्य चल रहा किंतु उनके पूरा होने का मुहूर्त नही दिख रहा। इसके अलावा अन्य कार्यों की गुणवत्ता बिल्कुल खराब है।
सड़कों की हालत भी ऐसी जिसमें घटना के समाचार आये दिन प्रकाशित होते रहते हैं पर विभाग के अधिकारियों में जूं तक नही रेंगती।
विभाग की हालत तो ऐसी है कि न तो विभागीय अधिकारी द्वारा फोन उठाया जाता है और कार्यालय जाने पर EE साहब का अम्बिकापुर में रहना बताया जाता है ।
*विदित है कि दिनंाक 07 एवं 08 अक्टूबर को राजधानी रायपुर में आयोजित कलेक्टर कान्फ््रेंस में भी मुख्यमंत्री द्वारा लोक निर्माण विभाग के अधिकारीयों की कार्यषैली पर नाराजगी व्यक्त की थी एवं कार्यव्यवहार सुधार करते हुए कार्य करने के निर्देष भी दिये थे।*