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महासमुंद : कलेक्टर ने बेरोजगारी भत्ता का सत्यापन का निरीक्षण किया
बिरकोनी और कांपा में रिपा के तहत गोबर पेंट की इकाई व महिला समूह द्वारा बनाए जा रहे दोना-पत्तल कार्य देखा
महासमुंद : कलेक्टर निलेशकुमार क्षीरसागर ने आज ग्राम बेमचा पहुंचकर बेरोजगारी भत्ता के प्राप्त ऑनलाइन आवेदन का किए जा रहे सत्यापन की कार्यवाही को देखा। कलेक्टर को बताया गया कि प्राप्त आवेदनों में 27 युवाओं का सत्यापन किया जा चुका है। कलेक्टर ने कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा बेरोजगार युवाओं को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए योजना शुरू की है। इस योजना के तहत राज्य के शिक्षित बेरोजगार युवाओं को बेरोजगारी भत्ते के रूप में आर्थिक सहायता के रूप में 2500 रुपए सीधे उनके बैंक खातें में किया जाएगा। उन्होंने सत्यापन करने वाले कर्मचारियों से कहा कि सावधानी के साथ युवाओं के दस्तावेजों का सत्यापन करें। कोई पात्र युवा इससे वंचित न हो। इस बात का खास ध्यान रखें। उन्होंने यह भी कहा कि उपस्थित युवाओं को ये भी बताएं कि बेरोजगारी भत्ता स्वीकृत हितग्राही को कौशल विकास का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा ताकि वो रोजगार प्राप्त कर सकें। इस अवसर पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत एस. आलोक, सीईओ जनपद निखत सुल्ताना साथ थे।
कलेक्टर श्री क्षीरसागर इसके बाद ग्राम कांपा और बिरकोनी गौठान पहुंचे। जहां उन्होंने महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क योजना (रिपा) के तहत लगाए गए गोबर पेंट इकाई का अवलोकन किया। इसके साथ ही वे दोना, पत्तल और सिलाई कर रही समूह की महिलाओं से मिले। उन्होंने गोबर खरीदी और वर्मी कम्पोस्ट की भी जानकारी ली। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरूवा और बाड़ी व गोधन न्याय योजना संचालित हैं। इसमें गौठानों में गोबर से वर्मी कम्पोस्ट के साथ ही अन्य सामग्री का निर्माण महिला स्व सहायता समूह के द्वारा किया जा रहा है। जिले के 10 गौठानों को चयनित कर रिपा के तहत ग्रामीणों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है। अब गोबर से प्राकृतिक पेंट बनाया जा रहा है। समूह की महिलाएं प्रशिक्षण लेकर पेंट का निर्माण कर रहीं हैं। वहीं विभिन्न प्रकार की सामग्रियां दोना-पत्तल से लेकर स्थानीय बाजार मांग के अनुरूप आचार, पापड़, बड़ी, साबुन, घरेलू किचन मसालें और विभिन्न त्यौहारों के अवसर पर साज-सज्जा सामग्री से लेकर त्यौहारी सीजन की सामग्री बनाकर अपनी आय में इजाफा कर रहीं हैं। यह खुशी की बात है।