जशपुर नगर:- शासकीय राम भजन राय एन ई एस स्नातकोत्तर महाविद्यालय जशपुर नगर के एमएससी द्वितीय सेमेस्टर वनस्पति शास्त्र के छात्र छात्राओं ने प्राचार्य डॉ विजय रक्षित के मार्गदर्शन में एवं प्रो डीआर राठिया विभागाध्यक्ष वनस्पति शास्त्र, डॉ आनंद पैकरा तथा अतिथि विद्वान कुमारी प्रतिमा चांद ,कुमारी प्रेमा नायक और कु रजनी बेक के नेतृत्व में सोशल आउटरीच कार्यक्रम के अंतर्गत जशपुर नगर स्थित वैदिक वाटिका , गम्हरिया
संजय निकुंज, तथा नगर पालिका परिषद जशपुर नगर के द्वारा स्थापित कंपोस्टिंग केंद्र बाकी नदी के पास का शैक्षणिक भ्रमण किया गया। कम्पोस्टिग केंद्र पर उपस्थित अधिकारियों ने गोबर से किस प्रकार से जैविक खाद बनाए जाते हैं तथा इसका किस प्रकार से विपणन किया जाता है तथा इससे क्या लाभ होता है ,विस्तृत जानकारी प्रदान किया।
शैक्षणिक भ्रमण के दूसरे चरण में वैदिक वाटिका के संस्थापक श्री जैन ने बताया कि आधुनिक कृषि पद्धति में रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों की अनियंत्रित प्रयोग से जल व मृदा प्रदूषण सहित पारिस्थितिक तंत्र पर पड़ने वाले दुष्प्रभाव के निदान के लिए वर्तमान समय में जैविक खाद, कंपोस्ट खाद एवं हर्बल कीटनाशकों के महत्त्व और उपयोगिता के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्राप्त किए। उन्होंने जशपुर क्षेत्र में उपलब्ध लधु वनोपज जैसे महुआ से चाकलेट, मिठाई बनाकर बिक्री के लिए उपलब्ध कराया। कोविड 19 के दौरान महुआ से बनाया गया सेनेटाइजर ने राष्ट्रीय स्तर पर जशपुर के नाम को रौशन किया।संजय निकुंज में, कार्यरत उद्यान विस्तार अधिकारी श्याम सुंदर राठिया द्वारा अपने उघान में वर्तमान समय में बागवानी कृषि के महत्व को तथा विभिन्न प्रकार के उन्नत किस्म के फलदार पौधा, कटिंग बर्डिंग एवं कलम के द्वारा कैसा विकसित किया जाता है, के बारे में छात्र छात्राओं को विस्तार से जानकारी दी गई। उन्होंने यह भी बताया कि जशपुर एवं अमिबकापुर ज़िले में मौसम के अनुसार लीची और नाशपाती का फसल बहुतायत मात्रा में होता है तथा इस श्रेत्र में युवाओं को रोजगार के रूप में लेना चाहिए। आज के समय में इसका उपयोग व्यवसायिक रूप में करना चाहिए। ज़िले के अनेक क्षेत्रों में नासपाती का बम्फर उत्पादन होता है जिसको बिक्री के लिए महानगरों में भी भेजा जाता है। इससे जनजातीय जनसमुदाय को आर्थिक लाभ होता है।
महाविद्यालय के छात्र छात्राओं को श्री राठिया ने कुछ भेंट स्वरूप पौधे भेंट किये। जिसे छात्र छात्राओं ने महाविद्यालय में स्थित वाटिका में वृक्षारोपण किया। संजय निकुंज के श्री राठिया ने लीची के पौधे को बीमारी से बचाने के लिए दवाई को बताते हुए छिड़काव के उपाय बताए भी बताएं। आज के इस शैक्षणिक भ्रमण में वनस्पति विज्ञान के द्वितीय सेमेस्टर के सभी छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।