जशपुर सन्ना: जशपुर जिले में केंचुआ खाद का उपयोग करके किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं ।
हम बात कर रहे हैं सन्ना क्षेत्र की जहां के किसान अनुज यादव ग्राम हर्राडीपा निवासी अपने लगभग 4 एकड़ की खेत में मिर्च, करेली, के साथ बरबट्टी की खेती किए हैं। जहां उन्होंने अधिकतर केचुवा खाद का उपयोग किए हैं । किसान अनुज यादव बताते हैं की हमे इसकी जानकारी सन्ना के सोसायटी प्रबंधक दिलेश्वर यादव ने इसकी जानकारी हमें गांव में आकर दिए और उनके बताए अनुसार हमने उसका उपयोग किया हमने जितने पौधे में केंचुआ खाद का उपयोग किए हैं उसका असर एवं अन्य खातों की अपेक्षा काफी बेहतर है उन्होंने आगे बताया कि हम केंचुआ खाद का उपयोग अन्य किसानों को भी करने का सलाह देते हैं ।
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जिला प्रशासन समेत सोसायटी प्रबंधक को किसान ने दिया धन्यवाद
उन्होंने आगे बताया कि जशपुर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के मार्गदर्शन में अधिकारियों के द्वारा गांव गांव में आकर केंचुआ खाद के उपयोग के संबंध में जानकारी प्रदान की जा रही है जिसके लिए किसानों ने जसपुर कलेक्टर डॉ रवि मित्तल के साथ जिला प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया है ।
केंचुआ खाद के संबंध में जाने कुछ महत्वपूर्ण बातें
दरअसल, केंचुआ प्राकृतिक चक्र को बनाए रखने में हमेशा से महत्वपूर्ण योगदान देता आ रहा है। ये रेंगने वाला जीव कूड़ा-कड़कट और गाय-भैंसों के अपशिष्ट को डिकंपोज कर मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाकर पर्यावरण संरक्षण को बनाए रखने का काम करते हैं। कृषि के लिए तो केंचुआ हमेशा से अच्छा दोस्त रहा है। ये खेतों में मिट्टी को ऊपर से नीचे पलटकर उसमें कई असंख्यक छेद बनाता है, जिससे मिट्टी में पानी और हवा के आवागमन का बेहतर जरिया बनता है। केंचुआ मुफ्त में ही खेतों की मिट्टी को अधिक उपजाऊ बनाने का काम करता है।
यह खेतों में कूड़ा-कड़कट, फसल अवशेष और पशुओं के गोबर को आहार बनाकर जैविक खाद तैयार करता है। इस कम्पोस्ट खाद में पोषक तत्वों की मात्रा बड़े स्तर पर पाई जाती है। केंचुआ द्वारा तैयार ’वर्मी कम्पोस्ट’ खाद में नाइट्रोजन, फास्फोरस, कैल्शियम और जिप्सम, पोटास जैसे पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा होती है, जिसके कारण भूमि की उपजाऊ शक्ति प्राकृतिक तरीके से बढ़ती है। केंचुआ खाद के लगातार प्रयोग से मिट्टी के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों में भी सुधार होता है, जिससे खेती में पैदावार बढ़ती है।