सारंगढ़: कलेक्टर डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी, मंडल प्रमुख मिलिंद खानखोजे, उप अंचलप्रमुख श्री पी अरुण राव ने बिलासपुर रोड में पंजाब नैशनल बैंक, सारंगढ़ शाखा का लोकार्पण किया। अतिआवश्यक कार्यवश एस पी श्री अभिषेक सिंह व अंचल प्रमुख श्री वी श्रीनिवास समय पर उपस्थित नहीं हो सके। लेकिन उन्होंने पंजाब नैशनल बैंक, सारंगढ़ के उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करते हुए, हर सम्भव सहयोग का आश्वासन दिया हैं।
लोकार्पण के शुभ अवसर पर पीएलपी, बिलासपुर प्रमुख सौभाग्य बारीक, जीबीबी रायपुर हेड चतुर्भुज बारीक, रायगढ़ शाखा के मुख्यप्रबंधक एस एस दास, वरिष्ठ प्रबंधक ललित अग्रवाल, आई टी वरिष्ठ प्रबंधक, ज्योति प्रकाश, सुरक्षा प्रबंधक अभिषेक तिवारी, राजभाषा अधिकारी अशरफ अंसारी,
शाखा प्रमुख भूषण टेकाम, उपप्रबंधक अंजू सिंह, मुख्य खजांची हरिनारायण पटेल, अविनाश कैवर्त तथा सेवानिवृत वरिष्ठ प्रबंधक रूपरतन सिंह, सुरेंद्र चावड़ा सहित बड़ी सँख्या में सम्मानित ग्राहक व स्टॉफ सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन करते हुए ललित अग्रवाल ने बताया कि वर्तमान डिजिटल बैंकिंग के दौर मे सर्वसुविधायुक्त, वातानुकूलित शाखा सारंगढ़ में खुलने से सम्पूर्ण क्षेत्र का विकास होगा।
जिलाधीश डॉ फरिहा आलम सिद्दीकी ने पंजाब नैशनल के उत्तरोत्तर प्रगति की कामना करते हुए बताया कि राष्ट्रीयकृत बैंकों की वजह से ही भारत की अर्थव्यवस्था मजबूती से खड़ी थी। उन्होंने पीएनबी से सारंगढ़ के सर्वागीण विकास में कदम से कदम मिलने की अपेक्षा व सहयोग का आश्वासन दिया। उप अंचल प्रमुख श्री अरुण ने बताया कि पीएनबी से नियमित सैलरी लेने वाले प्रत्येक ग्राहक पीएनबी वन एप्प से मात्र चार क्लिक में घर बैठे दस लाख तक व्यक्तिगत ऋण ले सकते हैं। जीबीबी रायपुर हेड चतुर्भुज बारीक ने आम जनता से उपरोक्त लाभ लेने हेतु पीएनबी की नजदीकी शाखा में सम्पर्क करने का आग्रह किया हैं। बिलासपुर मंडल के प्रमुख श्री मिलिंद खानखोजे ने बताया कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानी लाला लाजपतराय द्वारा 12 अप्रेल 1894 को भारतीय पूंजी से, भारतीयों द्वारा, भारतीयों के लिए स्थापित प्रथम स्वदेशी बैंक आज विशाल वृक्ष के रूप में विकसित हो गया हैं। पहले ही दिन लगभग 105 लोगों ने बचत खाते खुलवाए। बड़ी सँख्या में चालू खाते व व्यवसायिक ऋण लेने वाले ने अभिरुचि दर्शाई। पीएलपी प्रमुख श्री सौभाग्य बारीक ने अतिशीघ्र बड़ा ऋण वितरण कैम्प लगवाने का आश्वासन दिया। आयोजन की विशेषता यह थी कि पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने हेतु अभ्यागतों का स्वागत पुष्पगुच्छ के बजाय पौधरोपण हेतु पौध प्रदान कर किया गया।