परेशानी चुनाव नजदीक, सामुदायिक भवन, नाली, सड़क बनाने की मांग करने वालों की निगम में बढ़ी भीड़
विधानसभा चुनाव के नजदीक आते ही नगर निगम में अधूरे काम और समस्याओं को लेकर शिकायतें बढ़ गई हैं। आए दिन नगर निगम में वार्ड के लोग कभी पेजयल की कमी पर प्रदर्शन करते हैं, तो कभी अफसरों को आवेदन और ज्ञापन दे रहे हैं।
शहर में निर्माण कार्य पूरा कराने के लिए नगर निगम जोर लगा रहा है। ठेकेदार
पुराने कामों के बिल का भुगतान नहीं होने से नए कामों में दिलचस्पी नहीं दे रहे हैं।
निगम को एक काम के लिए दो-तीन बार तक टेंडर निकालने पड़ रहे हैं। गुरुवार
को नगर निगम ने शहर के खिलाड़ियों को बड़ी राहत दी है। रामलीला मैदान के
र्णोद्धार के लिए 26 लाख रुपए का टेंडर जारी किया गया है। जल्द ही मैदान
का कायाकल्प किया जाएगा।
नगर निगम के अधिकांश वार्डों में नाली, सड़क, पुलिया सहित सामुदायिक भवन काम स्वीकृत हैं। कुछ वार्डों में लोगों की मांग पर सामुदायिक भवन बनने हैं।
जनप्रतिनिधि चुनाव से पहले काम कराना चाहते हैं ताकि अपने उपलब्धियां गिना सकें। काम के टेंडर भी हो चुके हैं, लेकिन इसके लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। ठेकेदारों का कहना है कि नगर निगम के इंजीनियर किए गए कामों का बिल प्रोसेस नहीं कर रहे हैं, इससे उन्हें काम करने में परेशानी आ रही है। रामभाठा रोड पर महापौर के घर के नजदीक ही नाले पर पुलिया का काम कुछ दिनों से अटका हुआ है। बारिश से पहले पुलिया के लिए कॉलम खड़े कर दिए गए, लेकिन बिल का भुगतान नहीं होने से काम अटका हुआ है। नगर निगम ने गुरुवार को रामलीला मैदान की सूरत बदलने के लिए 25 लाख 92 हजार रुपए का टेंडर जारी किया है। शहर के खिलाड़ी और पूर्व पार्षद शाखा यादव के साथ विभिन्न खेल संगठन और खिलाड़ी रामलीला मैदान के जीर्णोद्धार की मांग सालों से करते रहे हैं। पार्षद अनुपमा यादव ने भी मैदान के जीर्णोद्धार के लिए विधायक, महापौर, कलेक्टर को बार-बार पत्र दिया है।
शासन ने वित्तीय वर्ष में मैदान के उन्नयन के लिए स्वीकृति दी। अब टेंडर जारी किया जा रहा है। रामलीला मैदान शहर का प्रमुख खेल ग्राउंड रहा है, यहां क्रिकेट और फुटबॉल की स्पर्धाएं होती रही हैं लेकिन साल में दो-तीन बड़े आयोजनों, राजनीतिक सभाओं के कारण मैदान बदहाल हो गया था। माना जा रहा है मैदान का जल्द ही कायाकल्प हो सकेगा।
26 लाख रुपए की लागत से बदलेगी रामलीला मैदान की सूरत
निगम में गिने-चुने ठेकेदार ^नगर निगम के ईई अमरेश लोहिया ने बताया कि जिन कामों के लिए टेंडर निकाला जा रहा है, उसके लिए ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं। नगर निगम में काम करने वाले ठेकेदारों का संख्या कम है, इसलिए परेशानी है। एक काम के लिए दो से तीन बार टेंडर करना पड़ रहा है। जो काम बारिश से पहले शुरू हुए हैं उन्हें जल्द पूरा कर लिया जाएगा।