जशपुर:- नेशनल हाईवे एवं स्टेट हाईवे में आमतौर पर घुमन्तु पशु सोते हुए या विचरण करते हुए पाए जाते हैं जिससे दुर्घटनावश पशुओं की मृत्यु व जन-हानि होती है। पशु चिकित्सा सेवायें जशपुर के उप संचालक ने जानकारी देते हुए बताया कि पशुओं को दुर्घटना से बचाने का एकमात्र उपाय उनका गौशाला में व्यवस्थापन है, इस हेतु जिला में नेशनल हाईवे एवं स्टेट हाईवे के निकट नवीन गौशालाओं का स्थापना किया जाना है।
छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग द्वरा स्वयंसेवी संस्था द्वारा संचालित गौशाला का पंजीयन किया जाता है। छ.ग. राज्य गौसेवा आयोग के नियम में विहित प्रावधानों अंतर्गत् गौशाला हेतु विभिन्न पात्रताओं को होना अनिवार्य होगा। इनमें गौशाला के नाम से आधा एकड़ भूमि पंजीकृत होना चाहिए, गौशाला में 50 पशुधन होना चाहिए, गौशाला में शेड, बिजली एवं पानी की व्यवस्था होना चाहिए।
पंजीकरण हेतु आवेदन प्रारूप छ.ग. राज्य गौसेवा आयोग से प्राप्त किया जा सकता है। पंजीयान पश्चात् गौशालाओं को पोषण आहार, शेड निर्माण एवं पेयजल व्यवस्था आदि हेतु अनुदान राशि क्रियान्वयन समिति के अनुमोदन पश्चात् प्रदाय किया जाता है।
नवनी गौशाला खोले जाने के लिए इच्छुक एनजीओ, स्वयंसेवी संस्था नियमतः उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवायें जशपुर के माध्यम से छत्तीसगढ़ राज्य गौसेवा आयोग रायपुर को आवेदन प्रस्तुत कर सकते हैं।