Journalist BHUNESWAR NIRALA
कांगे्रस में गुटीय राजनीति हावी, कुछ कांगे्रसी पार्षद आ सकते हैं बीजेपी के साथ
रायगढ़। नगर निगम में कांग्रेस की सरकार है, इसके खिलाफ बीजेपी पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है। जिसमें कलेक्टर को ज्ञापन दिए जाने के बाद अब उसे कलेक्टर ने पार्षदों के हस्ताक्षर सही है या नहीं इसलिए यह आवेदन को नगर निगम आयुक्त को भेजा। सोमवार को आवेदन में जो हस्ताक्षर हुए है, आयुक्त उसका मिलान करेंगे, इसके बाद सब कुछ ठीक रहने के बाद प्रस्ताव में किन तारीख को वोटिंग किया जाएगा, यह डेट कलेक्टर तय करेंगे।
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले रायगढ़, कोरबा, जगदलपुर नगर निगम में इस तरह से भाजपा अविश्वास प्रस्ताव ला रही है। कहा जा रहा हैं कि आज या कल में जगदलपुर में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होनी है। वहीं रायगढ़ में भी मंगलवार को अविश्वास प्रस्ताव पर किये गए हस्ताक्षरों की जांच हो सकती है।
नगर निगम रायगढ़ में अभी संख्या बल में देखे तो कांग्रेस के पास 26 और बीजेपी के पास 21 पार्षद है, अविश्वास प्रस्ताव लाने के लिए कम से कम 24 पार्षदों का आना जरुरी होगा। इसे ले करके कांग्रेसी पार्षदों में गुटीय राजनीति के साथ बीजेपी के रणनीति बनाने में जुटी हुई है। इसमें कांग्रेसी पार्षदों में गुटीय राजनीति होंने की वजह से विपक्ष के वोटिंग में सत्ता पक्ष के लोग उनके पक्ष में वोट डाल सकते है, इसलिए बीजेपी इस तरह से रणनीति बना रही है कि मेयर का विकेट गिर जाए और आने वाले विधानसभा तथा नगरीय निकाय चुनाव में भाजपा को इसका लाभ मिल सके।
इधर मेयर गुट चाह रहा 24 से ज्यादा पार्षद ना पहुंचे
इधर मेयर गुट के पार्षदों और संगठन नेताओं के बीच में रणनीति यह बनी हैं कि अविश्वास प्रस्ताव में 24 से कम पार्षद पहुंचे, जिसमें अपने आप अविश्वास प्रस्ताव गिर जाएगा। हालांकि एक रणनीति यह भी बनाई जा रही हैं कि पार्टी स्तर पर प्रदेश से एक बड़े नेता को पर्यवेक्षक बना करके रायगढ़ में तैनात कर दिया जाए, ऐसी स्थिति में पार्टी व्हीप भी जारी कर सकती है।