कोरबा जिले के पाली थाना क्षेत्र से दिल को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक 15 वर्षीय बालिका के साथ गांव के ही 4 युवकों ने गैंग रेप किया और कई बार उसे अपनी हवस का शिकार बनाया.
आरोपियों के लगातार वहशीपन से नाबालिग पीड़िता 4 माह की गर्भवती हो गई है. नाबालिग को न्याय के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा रही है. पुलिस से शिकायत के बाद भी मामले में अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है और आरोपी खुले घूम रहे हैं. जिससे पुलिस के कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं. पीड़िता और उसके पिता न्याय की गुहार लगाने जिला पुलिस अधीक्षक कोरबा कार्यालय में पिछले डेढ़ माह से भटक रहे लेकिन अभी तक पुलिस अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो सकी है. वहीं पीड़िता को न ही चाइल्ड हेल्प लाइन से कोई मदद मिली और न ही शासकीय अस्पताल इलाज मिल पा रहा है. अब परेशान नाबालिग बेटी और पिता ने कलेक्टर जनदर्शन में आत्महत्या करने की चेतावनी दी है.
पीड़िता ने मीडिया को बताया कि, वह लोगों के घरों में झाड़ू-पोछा का काम करती है. वो झाड़ू पोछा लगाकर जब घर लौटती थी तो उसके गांव के ही सुनील यादव, सुनील यादव का बड़ा भाई, सचिन और राजबीर नामक चारों युवक के साथ अक्सर छेड़छाड़ किया करते थे. जब इसकी शिकायत उसने अपने पिता से की तो उसके पिता और भाई ने पाली थाना में जाकर इसकी शिकायत दर्ज कराई. पाली थाना में चारों युवकों ने अपनी धौंस दिखाते हुए पाली पुलिस से मिलकर पीड़िता के पिता और भाई को उल्टा अपना बचाव करते हुए झूठे मामले में फंसाते हुए 307 के तहत जेल भिजवा दिया और एक साल तक जेल में रहे. इसी दौरान पीड़िता के साथ सुनील और उसका बड़ा भाई, सचिन और राजबीर ने 7 मार्च 2023 को नाबालिग के साथ शाम 7 बजे जब वो झाड़ू-पोछा का काम कर घर लौट रही थी तभी इलाका सुनसान होने का फायदा उठाते डिपो के पास खंडहर में जाकर शराब के नशे में चारों ने उसके गले में चाकू लगाकर और उसके मुंह को बांध कर बारी बारी से उसके साथ सामूहिक बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. इस घटना के बाद नाबालिग बेहोश हो गई और रात्रि 9 बजे के आसपास उसको होश आया और जैसे तैसे वह अपने घर पहुंची.
पिता के जेल में होने से चारों युवकों में से राजबीर घटना के बाद रास्ता रोककर पीड़िता को डरा धमका कर उसके साथ कई बलात्कार की घटना को अंजाम दिया. घटना को बीते 2 माह बीत गए और नाबालिग के पेट मे गर्भ ठहर गया. मई माह में जब पीड़िता के पिता और भाई जेल से छूट कर आये तो नाबालिग ने पूरी घटना अपने पिता को बताई. जिसके बाद पिता तत्काल पाली थाना जाकर उक्त घटना की लिखित शिकायत की. लेकिन पाली पुलिस ने अभी तक चारों युवकों पर नाबालिग के साथ दुष्कर्म का मामला दर्ज नहीं किया है. जबकि पाक्सो एक्ट के तहत पुलिस को मामला दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी करनी चाहिए थी. लेकिन पीड़िता ने बताया कि अभी तक उन आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं होने पर उनके हौसले बुलंद है और शिकायत के बाद 20 मई को शिकायत वापस लेने की धमकी देने चारों युवक पीड़िता के घर रात 12 बजे पहुंचे, उनकी गलत नियत देख परिवार घर से जंगल की ओर भागकर अपनी जान बचाई और अभी भी वे डर से सहमे हुए हैं पीड़िता का परिवार हरदीबाजार में आकर रह रहा है. पीड़िता ने बताया कि इस घटना की वजह से उसकी मां बेहोश हो कर गिर गई थी और दोनों आंखों से दिखना बन्द हो गया है.
पुलिस की न्याय प्रणाली पर भी उठ रहे सवाल
पीड़िता और उसके पिता ने बताया कि पाली थाना ने उक्त चारों पर अभी तक शिकायत के बाद भी कोई मामला दर्ज नहीं किया है. बल्कि पाली थाना में पदस्थ डायल 112 के आरक्षक राजा और रामू द्वारा पीड़िता के घर आकर धमकी दी जा रही है कि शिकायत वापस ले ले, नहीं तो थाना ले जाकर पट्टा मार मारकर जेल भेज देंगे. अभी अभी जेल से आया है फिर जेल जाएगा. पीड़िता पूजा का कहना है कि पुलिस युवकों पर कार्रवाई करने की बजाय उन्हें घर आकर धमकी दे रही है और शिकायत वापस लेने के लिए दबाव बनाया जा रहा है.
डेढ़ माह से SP कार्यालय का काट रहे चक्कर
पीड़िता और उसके पिता ने बताया कि पाली थाना में कार्रवाई न होते देख उन्होंने जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में भी न्याय की गुहार लगाने पिछले डेढ़ माह से भटक रहे है. लेकिन जिला पुलिस अधीक्षक से मुलाकात नहीं हो पाई है. वे जब भी कार्यालय जाते है तो वो नहीं मिलते हैं. पीड़िता के पिता ने बताया कि लिखित शिकायत पुलिस अधीक्षक कार्यालय में दिए है, उसका पावती भी दिया गया है. लेकिन पूछने पर कार्यालय द्वारा यही जवाब दिया जाता है कि कटघोरा SDOP कार्यालय लेटर भेजा गया है. जब जवाब आएगा तो देखा जाएगा. वहीं कटघोरा SDOP कार्यालय आने पर भी कुछ जानकारी नहीं मिल पा रही है. उन्होंने बताया कि उनकी नाबालिग बेटी का गर्भ 4 माह का हो गया है, अब उनके लिए परेशानी बढ़ती जा रही है.
दर-दर की ठोकर खाकर हुए परेशान, अब आत्महत्या की दी चेतावनी
पीड़ित परिवार ने कहा कि पुलिस की न्याय व्यवस्था से परेशान होकर अब बेटी और पिता आत्महत्या करने का निर्णय ले लिया है. उन्होंने कहा कि उनकी बेटी नाबालिग होने के साथ 4 माह के गर्भ से भी है. ऐसे में दर-दर की ठोकर खाते-खाते बेटी की स्थिति और खराब होते जा रही है. ऐसे में वे और उनकी बेटी कलेक्टर जनदर्शन में या फिर जिला पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर आत्महत्या करने का फैसल किया है. क्योंकि पिता को अब उनकी बेटी को न्याय मिलने की आस नहीं दिख रही है.
कटघोरा अधिवक्ता संघ के सचिव अमित सिन्हा ने इस मामले पर बताया कि पीड़िता के पिता के 307 के मामले में जब उनके द्वारा पैरवी की गई और जब वे जेल से बाहर आये तो उन्होंने इस घटना की जानकारी दी. बेटी के साथ हुई घटना के बाद कही भी न्याय नहीं मिल रहा है. अधिवक्ता संघ के सचिव अमित सिन्हा ने पाली पुलिस पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस ने प्रार्थिया के कथन पर उक्त आरोपियों पर कार्रवाई नहीं कर रही जो पूरी तरह गलत है. पुलिस ने बिना जांच के ही अपराधियों को खुला छोड़ रखा है. ऐसे में पाली थाना अब न्यायालय की प्रक्रिया को चुनौती दे रहा है.