वारदात में शामिल बिहार गया शेरघाटी गैंग के 5 आरोपी हिरासत में, बैंक से लूट की गई शत प्रतिशत राशि 5 करोड़ 62 लाख के कैश और ज्वेलरी रिकवर…
● पुलिस कंट्रोल रूम को आईजी अजय यादव और डीआईजी रामगोपाल गर्ग के बना रखा था “वार रूम”…
● एसएसपी सदानंद कुमार के नेतृत्व में रात भर चला आरोपियों के धरपकड़ का ऑपरेशन, रेंज के विभिन्न जिलों से ऑपरेशन में शामिल थे सायबर एक्सपर्ट अधिकारी…
रायगढ़। एक्सिस बैंक डकैती में प्राप्त जानकारी अनुसार झारखंड व बिहार के डकैत शामिल थे एक्सिस बैंक में हुई लगभग छह करोड़ की डकैती में शामिल डकैतों के पेशेवर होने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के सदस्यों द्वारा झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में भी लूट तथा डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया है ऐसी भी बातें सामने आ रही है।
पांच डकैत गिरफ्तार व पांच फरार; रकम व जेवरात बरामद, फरार पांच डकैतों की तलाश में टीमें रवाना : बताया जा रहा है कि रायगढ़ एक्सिस बैंक डकैती में झारखंड व बिहार के डकैतों का पेशेवर गिरोह शामिल था। घटना के बाद क्रेटा कार व ट्रक से भाग रहे पांच डकैतों निशांत कुमार उर्फ पंकज कुमार महतो (32) ग्राम खरखरी मधुवन धनबाद झारखण्ड,राकेश गुप्ता (21) बार नकनुष्पा थाना शेरघाटी जिला गया बिहार,अमरजीत कुमार दास निवासी भरारी थाना शेरघाटी जिला गया बिहार (क्रेटा मालिक), उपेन्द्र सिंह (50) निवासी कनौदी थाना गुरुवा गया बिहार तथा राहुल दास ( 28) को झारखंड की सीमा पर स्थित रामानुजगंज में गिरफ्तार कर लिया गया है।
वहीं जानकारी यह भी सामने आ रही है कि डकैतों के पास से पुलिस ने घटना में क्रेटा क्रमांक जेएच 01पीई 8641, ट्रक क्रमांक ओडी 09बी 3677 के साथ डकैती का चार करोड़ 18 लाख 46 हजार 435 रुपये नकद व सोने के आभूषणों के 72 नग छोटे पैकेट एवं छह नग बड़े पैकेट बरामद कर लिया है। इनके पास से तीन देशी पिस्टल व चार कट्टा बरामद किया गया है। डकैती की घटना में शामिल पांच आरोपित नीलेश रविदास (26) निवासी बनाठी शेरघाटी वर्तमान निवास रांची, सुनील पासवान ( 35) बनाठी शेरघाटी वर्तमान निवास रांची, अमित रविदास (40) बंगाली बिगहा थाना चंदौली गया बिहार,पवन कुमार (26)बेलागंज गया बिहार, विष्णु पासवान (45) टेकारी गया बिहार फरार बताया जा रहा है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार घटना के बाद ये सभी सारंगढ़ की तरफ भाग गए थे?..वहां से इन सभी के ओडिशा के रास्ते भागने की संभावना पर पुलिस की अलग-अलग टीमों को रवाना किया गया है।
बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह के मार्गदर्शन में रामानुजगंज थाना प्रभारी संतलाल आयाम के साथ उप निरीक्षक बीएन शर्मा, अजय साहू, प्रधान आरक्षक नारायण तिवारी, प्रधान आरक्षक अतुल दुबे, आरक्षक अजय यादव, निकेश सिंह, रुपेश गुप्ता के साथ जांच की जा रही थी। उसी दौरान क्रेटा वाहन क्रमांक जेएच 01 एफ ई 8641 के रामानुजगंज की ओर जाने की पुख्ता सूचना मिली। जिस पर रामानुजगंज के फारेस्ट बेरियर में उसी समय क्रेटा वाहन पहुंच गई। इसमें राकेश गुप्ता निवासी बार नकनुष्पा थाना शेरघाटी गया, नाम निशांत कुमार उर्फ पंकज कुमार महतो खरखरी मधुवन धनबाद झारखण्ड सवार थे। क्रेटा की तलाशी के दौरान नकदी से भरा बैग भी पुलिस ने प्राप्त कर लिया। उसी समय एक डकैत के पास फोन आया। यह फोन पुलिस के कब्जे में था। सामने वाले ने भी रामानुजगंज पहुंच जाने की जानकारी दी। इस पर पुलिस टीम ने घेराबंदी कर ट्रक को भी पकड़ लिया। इसमें चालक उपेन्द्र सिंह निवासी कनौदी थाना गुरुवा के अलावा अमरजीत कुमार दास निवासी भरारी थाना शेरघाटी गया बिहार एवं राहुल दास मिले। ट्रक के केबिन व डाले में डकैतों ने नकदी व जेवरातों से भरे बैग को रखा हुआ था।रात में ही बलरामपुर पुलिस अधीक्षक डा लाल उमेद सिंह के साथ पुलिस के आलाधिकारी भी पहुंच गए थे।
सूचना पर बुधवार भोर में रायगढ़ एसपी सदानंद कुमार के साथ अन्य अधिकारी भी पहुंचे। रामानुजगंज थाने में प्रारंभिक पूछताछ के बाद सभी को रायगढ़ ले आया गया है। रायगढ़ में ही इस पूरे मामले का रहस्योद्घाटन किया जाएगा।
“डकैतों को 24 घण्टे के भीतर पकड़ने की सफलतम कार्रवाई में बलरामपुर एसपी लाल उमेद सिंह व रायगढ़ एसएसपी की सक्रियता व पूरी पुलिस टीम की मेहनत काम आई।”
डकैती से दो दिन पहले चार डकैत पहुंचे थे कार से : प्राप्त जानकारी के अनुसार रायगढ़ एक्सिस बैंक में डकैती की इस घटना को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया था। घटना से दो दिन पहले ही चार डकैत कार से रायगढ़ पहुंच गए थे। इन सभी ने बैंक की रेकी भी की थी। पुलिस के अनुसार डकैत अमरजीत के क्रेटा से राकेश, निशांत उर्फ पंकज, अमरजीत, सुनील पासवान 17 सितंबर 2023 की सुबह शेरघाटी से निकलकर अगले दिन 18 सितंबर 2023 की भोर में रायगढ़ पहुंच गए थे।
एक डकैत की ट्रक चालक से थी पहचान : प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस पूछताछ में पता चला कि एक्सिस बैंक डकैती में शामिल राकेश गुप्ता की पहचान ट्रक चालक उपेंद्र सिंह से पहले से ही थी। डकैत राकेश गुप्ता रायगढ़ पहुंचने के बाद अपने तीनों दोस्तों राहुल, अमरजीत और सुनील पासवान की सबसे पहले मुलाकात ट्रक चालक उपेंद्र सिंह से कराई थी। बैंक डकैती की योजना में उपेंद्र पहले से ही शामिल था। पिछले आठ से दस महीने से आरोपित उपेंद्र सिंह रायगढ़ में रहकर जिंदल कारखाना से सामान लेकर गिरीडीह तक आना-जाना करता था।
डकैती से पहले ही क्योंझर ओडिशा से ट्रक खरीद दे दिया था चालक को : पुलिस जांच में पता चला है कि फरार डकैत सुनील पासवान पूर्व में गया जेल में बंद था। वहीं उसकी मुलाकात आरोपित ट्रक चालक उपेंद्र सिंह से हुई थी। उपेंद्र सिंह के पुत्र ने लव मैरिज की है। उसी प्रकरण में वह भी गया जेल में बंद था।ट्रक चालक अपने बेटे से मुलाकात के दौरान सुनील पासवान से भी मिलता था। जेल से छूटने के बाद सुनील पासवान ने दोस्तों के साथ मिलकर छत्तीसगढ़ में बैंक डकैती की योजना बनाई थी। इसके लिए क्योंझर ओडिशा से 13 लाख में पुरानी ट्रक खरीदी थी। उस ट्रक को उपेंद्र सिंह के नाम पर ही कर दिया था।इसी कारण उसी के ट्रक से डकैती की रकम व जेवरातों को ले जाने की योजना बनाई गई थी।
चार डकैत कार ,दो बस से तथा तीन स्कार्पियो से पहुंचे थे डकैती करने : एक्सिस बैंक डकैती में शामिल 10 डकैत में से एक उपेंद्र सिंह पहले से ही रायगढ़ में था। चार डकैत क्रेटा कार से पहुंचे थे। दो डकैत राहुल दास और नीलेश रविदास बस से रायगढ़ पहुंचे थे।इन्हें राकेश गुप्ता रायगढ़ में मिला था। क्रेटा कार से इन दोनों को ट्रक चालक उपेंद्र के पास छोड़ दिया था। शेष चार डकैत राकेश, अमरजीत, सुनील और निशांत उर्फ पंकज रायगढ़ शहर के बाहरी क्षेत्र के एक ढाबे में कार खड़ी कर रात वहीं गुजारी थी। शेष तीन फरार डकैत विष्णु पासवान,अमित रविदास व पवन कुमार स्कार्पियो से सारंगढ़ में आकर रुके हुए थे। ताकि घटना के बाद अलग-अलग दिशा में आसानी से भाग सके।
भागने के लिए रायगढ़ में ही खरीदी थी मोटरसाइकिल : डकैतों ने घटना कारित करने से पहले रायगढ़ में ही तीन मोटरसाइकिल भी खरीदी थी।इस दौरान इन्होंने तीन कट्टा और चार पिस्टल अपने पास रखा था।बैंक डकैती के लिए तीन मोटरसाइकिल में सवार होकर सुनील पासवान, राहुल दास, निलेश रविदास, अमरजीत कुमार दास, निशांत उर्फ पंकज महतो निकले। क्रेटा को लेकर तीन-चार किलोमीटर पहले डकैत राकेश गुप्ता खड़ा था।उधर सारंगढ़ में रुके विष्णु पासवान,अमित रविदास व पवन कुमार भी बैंक के पास पहुंच गए थे। बैंक खुलते ही हथियारों के साथ डकैत अमित, सुनील पासवान, पवन, बिष्णु, निलेश, राहुल, निशांत उर्फ पंकज घुसे।दो लोग बाहर मोटरसाइकिल में थे। बैंक में डकैती के बाद सभी अलग-अलग दिशाओं से उस स्थान पर पहुंचे जहां कार लेकर राकेश गुप्ता खड़ा था। कार में जेवरात और नकदी रकम से भरे बैगों को डालकर सभी अलग- अलग दिशा की ओर मोटरसाइकिल से भाग निकले। जिंदल कारखाना के पास जाकर क्रेटा से कुछ बैगों को निकालकर ट्रक मे डाल दिए।
डकैती के बाद कोरबा और सारंगढ़ के रास्ते रायगढ़ से निकले थे डकैत : ट्रक और क्रेटा में डकैती की रकम व जेवरातों से भरे बैगों को रखने के बाद सभी योजना के अनुरूप आगे निकल गए। ट्रक में चालक उपेंद्र सिंह के साथ राहुल दास और अमरजीत कुमार दास उर्फ बाबू सवार थे। क्रेटा कार मे राकेश गुप्ता तथा निशांत उर्फ पंकज सवार थे। क्रेटा कार व ट्रक में सवार डकैत कोरबा के रास्ते बिलासपुर – अंबिकापुर मुख्य मार्ग तथा कई स्थानों पर अंदरूनी रास्तों से होते हुए मध्यरात्रि के बाद रामानुजगंज पहुंच गए थे। शेष पांच डकैत सुनील पासवान, निलेश रविदास, अमित रविदास, बिष्णु पासवान और पवन कुमार मोटरसाइकिल से सारंगढ़ पहुंच गए थे। यहां एक स्थल पर डकैत अमित रविदास द्वारा लाए गए स्कार्पियो को छोड़ दिया था। सारंगढ़ के समीप मोटरसाइकिलों को छोड़कर सभी स्कार्पियो से फरार हो गए थे। उनके ओडिशा में प्रवेश करने की संभावना है।
कई राज्यों में डकैती की घटना में संलिप्तता की संभावना : रायगढ़ के एक्सिस बैंक में हुई लगभग छह करोड़ की डकैती में शामिल डकैतों के पेशेवर होने की संभावना जताई जा रही है। पुलिस सूत्रों के अनुसार इस गिरोह के सदस्यों द्वारा झारखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल में भी लूट तथा डकैती की घटनाओं को अंजाम दिया गया है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर क्षेत्र में व्यवसायी से दिनदहाड़े लाखों रुपये की लूट हुई थी।
” उक्त लूट की घटना में भी इन्हीं आरोपितों की संलिप्तता की संभावना पर उत्तर प्रदेश पुलिस की एक टीम भी रामानुजगंज पहुंची। यहां गिरफ्तार डकैतों से प्रारंभिक पूछताछ भी की गई है। इस पूरे मामले में कुछ जिलों की पुलिस की सक्रियता को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। दावा किया गया कि रायगढ़ के बाद आरोपित कोरबा के रास्ते बाहर निकले लेकिन कोरबा, सूरजपुर,सरगुजा के बाद बलरामपुर जिले तक पहुंच गए। झारखंड प्रवेश से कुछ किलोमीटर पहले ही इन्हें पकड़ा गया। यदि दूसरे जिलों की पुलिस भी सतर्क रहती तो संभव था कि आरोपित पहले ही पकड़ में आ जाते। “