जशपुर :- छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में बदहाल सड़कें पहले से ही बड़ी समस्या बनी हुई है। उस पर से निर्माणाधीन सड़कों की सुस्त गति और ठेकेदारों की मनमानी के आगे जिम्मेदार अधिकारियों के नतमस्तक हो जाने से वाहन चालकों की जान पर बन आई है।
बता दे कि, जशपुर को संभाग मुख्यालय अंबिकापुर से जोड़ने वाली बगीचा चराईडांड़ स्टेट हाईवे की बदहाली इसका जीवंत उदाहरण है। कभी गिट्टी की कमी तो कभी बरसात का बहाना बनाकर ठेकेदार,अधिकारियों के आदेश और निर्देशों को ठेंगा दिखा रहें हैं। जशपुर के लिए महत्वपूर्ण कुछ सडक़ों का निर्माण तो पूरा हो गया।
जिनमें जशपुर से झारखंड की ओर जाने वाली, कटनी-गुमला नेशनल हाईवे क्रमांक 43 की सडक़ शंख से जशपुर, और जशपुर से कुनकुरी तक और कुनकुरी से उड़ीसा की सीमा लावाकेरा तक की स्टेट हाईवे की सडक़ लगभग बनकर तैयार है, लेकिन नेशनल हाईवे क्रमांक 43 की पत्थलगांव की ओर जाने वाली सडक़ की निर्माण कार्य के शुरू होने के 7-8 साल बीत जाने के बाद आज भी पूर्ण होने का लोग इंतजार कर रहे हैं। इसी प्रकार पत्थलगांव से रायगढ़ की ओर और पत्थलगांव से सीतापुर होकर अंबिकापुर की एनएच 43 सडक़ आज भी पूर्ण नहीं हो सकी है।
एनएच के बाद स्टेट हाईवे भी हुआ सुस्त निर्माण का शिकार
दरअसल, जशपुर जिला मुख्यालय से संभाग मुख्यालय अंबिकापुर जाने के लिए एक और महत्वपूर्ण सडक़ है, नेशनल हाईवे 43 में चरईडांड़ से केराडीह, नारायणपुर साहीडांड़ होकर बगीचा निकलने वाली सडक़, इस स्टेट हाईवे सडक़ के निर्माण में भी लोक निर्माण विभाग और संबंधित ठेकेदारों के द्वारा सडक़ निर्माण कार्य में की जा रही लेट लतीफी ने इस मार्ग के किनारे के गांव-बस्तियों में रहने वाले लोगों का जीना मुहाल कर रखा है।
फिलहाल, लोगों को उम्मीद थी कि, चुनावों के ठीक पहले तक भी इस सडक़ का निर्माण कार्य और डामरीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा। लेकिन इस मार्ग में पडऩे वाले कई गांव के ग्रामीणों के द्वारा कई बार किए गए चक्का जाम, धरना प्रदर्शन, अधिकारियों नेताओं से भेंट कर सडक़ निर्माण की गुहार लगाने की तमाम कोशिशें के बाद भी इस सडक़ निर्माण का कार्य आज भी अधूरा है जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
बारिश में कीचड़ तो अब धूल से परेशानी
जानकारी के मुताबिक, चरईडांड़-बगीचा स्टेट हाईवे सडक़ मार्ग का निर्माण कर सालों साल से अधूरा पड़ा है, जिससे इस मार्ग के दोनों और रहने वाले ग्रामीणों का जीना मुहाल है। पहले बारिश के दिनों में सडक़ निर्माण के लिए डाली गई गिट्टी मिट्टी से लोग परेशान रहे, जिसने बारिश में दलदल का रूप धर लिया था और आए दिन इस सडक़ पर वाहनों का जाम लग रहा था। अब मौसम सूख जाने से इस सडक़ से में बिछाई गई गिट्टी से उठने वाली धूल से लोगों का जीना मुहाल है।
बता दें कि, वाहनों के सडक़ से गुजरने के बाद सडक़ से उठने वाली धूल का गुब्बार सडक़ से दूर तक के गांव में लोगों के परेशानी का सबब बन रही है, और लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधित परेशानियों से दो-चार होना पड़ रहा है। सडक़ से उठने वाली धूल की वजह से नारायणपुर, शाहीड़ांड़, सरबकोम्बो, बनकोम्बो नारायणपुर के आसपास ऐसा कोई दिन नहीं हो रहा है जब सडक़ हादसा नहीं हो रहा हो। सडक़ पर बिछाई गई गिट्टी में अचानक ब्रेक करने से वहां आए दिन वाहन चालक हादसे का शिकार हो रहे हैं।
“चरईडांड़-बगीचा स्टेट हाईवे सडक़ मार्ग का निर्माण कार्य का दो हिस्सों में निविदा हुआ है। सडक़ के एक हिस्से का निर्माण कार्य अगले एक महीने में पूर्ण हो जाएगा, जबकि दूसरे हिस्से का निर्माण कार्य मार्च तक पूर्ण कर लिया जाएगा”-विरेन्द्र चौधरी, ईई लोक निर्माण विभाग, जशपुर