कोरबा दीपावली पर्व के पहले बिजली कर्मियों को एक्सग्रेसिया (बोनस) भुगतान पर संशय की स्थिति बनी हुई है। प्रबंधन की अनदेखी की वजह से आचार संहिता लागू होने के पहले आदेश जारी नहीं किया गया। इससे कर्मियों में नाराजगी व्याप्त है।
विद्युत कंपनी में कार्यरत कर्मियों को प्रत्येक वर्ष दीपावली पर्व के पहले बोनस प्रदान किए जाने का परंपरा रही है। पिछले वर्ष प्रत्येक कर्मी को 11 हजार रूपये प्रदान किया गया था। इस बार श्रमिक संघ प्रतिनिधियों द्वारा 25 हजार रूपये प्रदान करने की मांग की जा रही थी और प्रबंधन के समक्ष पत्र भी लिखा था। प्रबंधन ने आश्वस्त किया था कि बोर्ड में प्रस्ताव पारित कर सकारात्मक कदम उठाया जाएगा, पर दुर्भाग्य की बात है कि इस पर कोई निर्णय नहीं लिया जा सका। इस बीच राज्य में चुनाव का शंखनाद हो गया और आचार संहिता लागू हो गई। इसके साथ ही कर्मियों का बोनस का मामला लटक गया।
बताया जा रहा है कि प्रबंधन की इस कार्यप्रणाली से कर्मियों में नाराजगी व्याप्त हो गई। उनका कहना है कि प्रबंधन द्वारा अपने स्वहित के मुद्दों पर आदेश निकाल जाता है और कर्मियों के मामले में टालमटोल की नीति अपनाई जाती है। बोनस की राशि में बढ़ोत्तरी न करना पड़े, इसलिए टालने की नीति अपनाई गई। विद्युत कर्मचारी संघ फेडरेशन (एक) के महासचिव आरसी चेट्टी का कहना है कि प्रबंधन को पहले निर्णय लेकर इस पर अमल किया जाना था, ताकि समय पर कर्मियों को राशि का भुगतान हो सकता। उधर बीएमएस के उद्योग प्रभारी आरएस जायसवाल का कहना है कि कर्मचारीहित में निर्णय लेने पर प्रबंधन जानबूझ कर विलंब करता है। संघ ने पहले ही पत्र लिख कर व मौखिक तौर पर पूरी जानकारी देकर बढ़े हुए दर के अनुरूप बोनस देने की मांग रखी थी, लेकिन प्रबंधन द्वारा इसे दरकिनार कर दिया गया और पहले गैर जरूरी आदेशों को जारी कर दिया गया। अब कर्मियों को दीपावली के पहले राशि मिलेगी, यह अभी तक तय नही है।
चुनाव आयोग से अनुमति के बाद होगा भुगतान
बोनस वितरण के संबंध में प्रबंधन को अब चुनाव आयोग से अनुमति लेना है। जानकारों का कहना है कि प्रबंधन द्वारा बोनस प्रदान करने के संबंध में चुनाव आयोग के समक्ष पत्र लिखा गया है, पर आयोग ने अभी तक निर्णय नहीं लिया है। आयोग से अनुमति मिलने के बाद प्रबंधन बोनस पर मंथन करेगा और भुगतान करने के संबंध में आदेश जारी करेगा। कंपनी से जुड़े लोगों का कहना है कि आचार संहिता लागू होने की वजह से बोनस राशि में वृद्धि नहीं की जाएगी। पिछली बार जितनी राशि मिलेगी, उतना ही भुगतान प्रबंधन द्वारा करते हुए अपने कर्तव्य को इतिश्री कर लिया जाएगा।