CG Election 2023 :- छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के मतदान में आमतौर पर शहरी लोगों को अधिक जागरूक समझा जाता है, मगर प्रदेश में संपन्न हुए विधानससभा चुनाव में आदिवासियों ने लोकतंत्र की अलख जगाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश की कुल 90 सीटों में अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित 29 में से 28 सीटों पर 2018 के चुनाव के मुकाबले इस बार दो से पांच प्रतिशत तक मतदान बढ़ा है।
ज्ञात हो कि, प्रदेश में सबसे अधिक 87.64 प्रतिशत मतदान वाली सिहावा सीट भी आदिवासी बहुल है। वहीं प्रदेश की जिन 21 सीटों पर कम मतदान हुआ है, उनमें ज्यादातर सामान्य सीटें हैं। माना जाता है कि प्रदेश में लगभग 34 प्रतिशत आबादी वाले आदिवासी समाज का साथ मिले बिना किसी भी पार्टी को सरकार बनाना मुश्किल है। इनकी भूमिका किंग मेकर जैसी रही है।
फिलहाल, राजनीतिक प्रेक्षकों के अनुसार इस बार कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दलों ने आदिवासियों को लुभाने के लिए कई आकर्षक घोषणाएं की थीं। मतदान का प्रतिशत बढ़ने का यह भी एक कारण है। वहीं राजनीतिक विश्लेषक इसे अपने चश्मे से देख रहे हैं। उनका मानना है कि अधिक मतदान के दो मायने हो सकते हैं, या तो वर्तमान सरकार की ओर से लाई गई किसी योजना को लेकर मतदाता अति उत्साहित हो गए या फिर यह प्रदेश में बदलाव का संकेत भी हो सकता है।
घोषणापत्र में आदिवासियों को साधने का प्रयास
बता दें कि, कांग्रेस-भाजपा दोनों ही दलों ने घोषणाओं के माध्यम से आदिवासियों को साधने का पूरा प्रयास किया है। कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में वादा किया है कि तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 4,000 रुपये की जगह अब 6,000 रुपये और 4,000 सालाना बोनस अतिरिक्त देगी। वहीं भाजपा की घोषणा के अनुसार यदि उसकी सरकार बनी तो प्रदेश में तेंदूपत्ता संग्राहकों को प्रति मानक बोरा 5,500 रुपये देगी। इसके अतिरिक्त 4,500 रुपये तक बोनस, चरणपादुका और अन्य सुविधाएं फिर शुरू करेगी।
एसटी सीटों पर मतदान का प्रतिशत संभागवार
बस्तर संभाग
अंतागढ़ में 79.79, भानुप्रतापपुर 81, कांकेर 81.14, केशकाल 81.89, कोंडागांव 82.37, नारायणपुर 75.06, बस्तर 84.67, चित्रकोट 81.76, दंतेवाड़ा 69.88, बीजापुर 48.37 और कोंटा में 63.14 प्रतिशत मतदान हुआ है।
सरगुजा संभाग
भरतपुर-सोनहट में 83.76 प्रतिशत, प्रतापपुर 83.45, रामानुजगंज 83.51, सामरी 83.44, लुंड्रा 85.03, सीतापुर 81.41, जशपुर 75.86, कुनकुरी 77.26 और पत्थलगांव में 78.76 प्रतिशत मतदान हुआ है।
बिलासपुर संभाग
लैलूंगा 85.52 प्रतिशत, धरमजयगढ़ 86, रामपुर 79.36, पाली तानाखार 80.73 और मरवाही में 78.31 प्रतिशत मतदान हुआ है।
रायपुर संभाग
बिंद्रानवागढ़ में 86.02 और सिहावा में 87.64 प्रतिशत मतदान हुआ है।
दुर्ग संभाग
डौंडीलोहारा में 81.89 और मोहला मानपुर में 79.38 प्रतिशत मतदान हुआ है।
मतदान का प्रतिशत इन विधानसभा क्षेत्र में घटा
पामगढ़, बसना, खल्लारी, भाटापारा, रायपुर ग्रामीण, रायपुर पश्चिम, रायपुर उत्तर, रायपुर दक्षिण, कोरबा, कटघोरा, मरवाही, मुंगेली, बिलासपुर, डोंगरगांव, पंडरिया, खुज्जी, मरवाही एसटी, मुंगेली और पामगढ़ एससी के अलावा अन्य सभी सामान्य सीटों पर मतदान का प्रतिशत घटा है।
प्रदेश में आदिवासियों का प्रतिशत
प्रदेश की आबादी पौने तीन करोड़ से ज्यादा है। इनमें 34 प्रतिशत आदिवासी हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने एसटी के आरक्षित 27 सीटों पर जीत हासिल की थी। लोकसभा में 11 में से चार सीटें बस्तर, कांकेर, रायगढ़ और सरगुजा एसटी के लिए आरक्षित हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने सिर्फ बस्तर लोकसभा सीट पर जीत दर्ज की थी जबकि तीन सीटों पर भाजपा को जीत मिली थी। विधानसभा की 29 एसटी सीटों के अलावा भी 17 सीटें ऐसी हैं जहां 20 से 60 प्रतिशत तक आदिवासी निवासरत हैं। सबसे अधिक बस्तर संभाग में 12 सीटें हैं, जहां सभी सीटों पर कांग्रेस के विधायक हैं।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर