जशपुर :- आज यानी आंवला नवमी 21 नवंबर 2023 को मनाई जा रही है । कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि से लेकर पूर्णिमा तिथि तक भगवान विष्णु आंवला के वृक्ष में निवास करते हैं इसलिए इस दिन आंवला के वृक्ष की पूजा अर्चना की जाती है।
मान्यता है इससे आरोग्य, सुख-शांति और अखंड सौभाग्य, संतान सुख की प्राप्ति होता है. इसे अक्षय नवमी भी कहा जाता है, कहते हैं इस दिन आंवला से कुछ खास उपाय करने पर मां लक्ष्मी अक्षय पुण्य प्रदान करती है, यानी जिसका कभी नाश नहीं होता।
आंवला नवमी के दिन प्रातः काल स्नान करके पूजा करने का संकल्प लें. इसके बाद आंवले के वृक्ष के निकट पूर्व की ओर मुख करके शुभ मुहूर्त में जल अर्पित करें. आंवला के पेड़ पर मौली बांधकर भगवान विष्णु के मंत्र का जप करना चाहिए।
फिलहाल ,भगवान की आरती के साथ ही पेड़ की 108 बार या 11 बार परिक्रमा करें. अब आंवले, वस्त्र, अन्न का दान करें. इस दिन आंवले के पेड़ के नीचे ही भोजन करना चाहिए, भोजन में आंवला जरुर खाएं।
आंवला नवमी के दिन श्रीहरि को आंवला अर्पित करें और फिर आंवले का दान करें।
मान्यता है कि, इससे देवी लक्ष्मी अति प्रसन्न होती हैं और धन-धान्य से घर भर जाता है. परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है।
आंवला खाने से आयु बढ़ती है. इस फल का रस पीने से धर्म-संचय होता है. आंवले के जल से स्नान करने से दरित्रता दूर होती है तथा सब प्रकार के ऐश्वर्य प्राप्त होते हैं. आंवले का दर्शन, स्पर्श तथा उसके नाम का उच्चारण करने से वरदायक भगवान श्री विष्णु अनुकूल हो जाते हैं।
रिपोर्टर- गजाधर पैंकरा, जशपुर