गौरेला पेंड्रा मरवाही/ जिले में आदिवासी समाज के बाद जिले की दूसरी सबसे बड़ी जाति केवट मछुआ समाज है जो कि अभी भी अपनी सामाजिक एकता के लिए संघर्ष कर रही है, इसी सामाजिक स्थिति को संगठित करने के लिए केवट मछुआ समाज के लोग भी अपने संस्कृति, इतिहास और अस्तित्व को पहचान दिलाने के लिए इस बार “निषादराज” जयंती को सामाजिक कार्यक्रम के रूप में बनाने के लिए योजना बना रही हैं,
जिसके लिए केवट (मछुआ) समुदाय के लोग सामाजिक बैठक करके कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार कर रहे हैं,
इसी परिपेक्ष्य में जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही के ग्राम अंडी में केवट मछुआ समुदाय की जिला स्तरीय बैठक आयोजित की गई, जिसमें सामाजिक एकता बनाने, समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और समाज में अपनी एक अलग छवि बनाते हुए एक विकासशील सामाजिक समुदाय के रूप में विकसित होने के संबंध में चर्चा की गई,
साथ ही बैठक में सबसे अहम और मुख्य चर्चा का विषय “निषादराज जयंती” को कार्यक्रम के रूप में बनाने की रही जो कि आगामी अप्रैल माह के 6 तारीख को निश्चित की गई है,
उक्त बैठक कार्यक्रम में समाज बड़े बुजुर्गों और नवयुवकों सहित समाज की नारी शक्ति की उपस्थिति भी सराहनीय रही हैं,
जिसमें केवट फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के प्रदेश व जिला स्तर के पदाधिकारी समेत ग्राम कमेटी एवं उपकेंद्रों के पदाधिकारीगण भी उपस्थित थे,
बैठक कार्यक्रम में मुख्य रूप से केवट फाउंडेशन छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत केवट, प्रदेश मीडिया प्रभारी रविशंकर कैवर्त, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिला अध्यक्ष धर्मेंद्र कैवर्त, महिला जिलाध्यक्ष शशि केवट, जिला महामंत्री शिव केवट, चैतमन केवट, संगठन मंत्री अवधशरण केवट, जिला सचिव सुरेश केवट, सेखवां उप केंद्र के अध्यक्ष मनीराम केवट, उपाध्यक्ष बसन्त केवट, सचिव ध्रुव केवट एवं ग्राम पंचायत अंडी की केवट समाज की माताएं, बहने और युवावर्ग अधिक संख्या में उपस्थित थे, कार्यक्रम का संचालन चैतमन केवट व आभार प्रकट प्रदर्शन अवधशरण केवट के द्वारा किया गया।