गजराजों का उत्पात
छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों का उत्पात बढ़ता जा रहा है. जिससे आए दिन दर्जनों किसान घर से बेघर होते जा रहे हैं. ऐसे में वन विभाग महज मुआवजा देकर मामले से पल्ला झाड़ रहा है, लेकिन सालों से चली आ रही इस समस्या का कोई स्थाई समाधान निकलता नजर नही आ रहा है.
वन मंडल के हाथियों ने पिछले साल में 27 से अधिक किसानों के घरों को उजाड़ दिया. यही नहीं विभागीय आंकड़ों की मानें तो हाथियों ने 73 किसानों के 73 लाख से अधिक की संपत्तियों को नष्ट कर दिया है. इस लिहाज से देखें तो लगता है कि वन मंडल में हर तीसरे दिन किसानों के मकान, दुकान और संपत्तियां ध्वस्त हो रहे हैं.
पिछले साल की तुलना में दोगुना हुआ हाथियों का उत्पात
गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में हाथियों का उत्पात दोगुना हो गया है. इससे पहले वन विभाग ने 27 किसानों के मकान धवस्त हो जाने पर उन्हें 42 लाख 47 हजार रुपए का मुआवजा दिया है. जबकि 73 ऐसे किसान हैं जिनकी 37 लाख 73 हजार 99 रुपए की संपत्तियों को हाथियों ने तबाह कर दिया. विभाग ने साल 2023 में 100 किसानों को मकान, दुकान और बोर पंप के अलावा अन्य संपत्तियों के नुकसान का कुल 80 लाख 2193 रुपए का मुआवजा वितरण किया है, जो पिछले साल की तुलना में दोगुना ही है. जबकि फसलों की क्षति अलग है.
1361 किसानों की रौंद डाली सैकड़ों एकड़ फसल
बता दें कि, धरमजयगढ़ वन मंडल में हाथियों ने 2023 में नवंबर की स्थिति में 1361 किसानों की सैकड़ों एकड़ फसलों को रौंद डाला और किसानों के खून-पसीने की मेहनत को चर गए. इसमें विभाग ने फसल क्षति के नाम से ही 88 लाख 18 हजार 160 रुपए का फसल क्षति का मुआवजा किसानों को दिया है. घायलों को 2 लाख का अतिरिक्त मुआवजा का भुगतान किया है. कुल मिलाकर विभाग ने 2023 में 1 करोड़ 51 लाख 33 हजार 53 रुपए का मुआवजा ग्रामवासियों का दिया है. धरमजयगढ़ डीएफओ अभिषेक जोगावत ने बताया कि किसानों के मकान दुकान और फसल क्षति के अलावा जनहानि के मामले में किसानों को तकरीबन डेढ़ करोड़ का मुआवजा वितरण किया गया है.
रिपोर्टर गजाधर पैंकरा, जशपुर