लखनपुर -किसान लाख वादे या घोषणा के बाद भी हर हाल में परेशान अन्नदाता कभी खाद बीज, कभी धान बिक्री या भुगतान को लेकर काटते हैं बैंक चक्कर
मुकेश कुमार — संवाददाता
लखनपुर पैलेस रोड में स्थित जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित शाखा लखनपुर में प्रतिदिन यहां सड़कों पंजीकृत किसान खातेदार पैसा आहरण करने पर काफी संख्या में बैंक आते हैं शासन किसान के लिए लाख वादे कर ले लेकिन किसान परेशान ही रहता है कभी खाद बीज, धान बिक्री या फिर बैंक से पैसा आहरण करने परेशानियों सामना करना पड़ता है धान बिक्री करने के बाद किसान पैसा आहरण करने बैंक पहुंचते हैं जिसके कारण यहां कई बार सड़क में ट्रैफिक जाम हो जाती है लोगों को आवागमन में परेशानियों का सबब बना रहता है पंजीकृत किसान भी पैसा आहरण करने के लिए परेशान वह हताश रहते हैं सुबह से लेकर शाम तक बैठे रहते हैं अपने मेहनत की कमाई के राशि लेने के लिए जद्दोजहद करना पड़ता है । इस बैंक में भीड़ होने की सबसे बड़ी वजह किसानों को एक मुशत पैसा ना मिलना किसी किसान के खाते में ₹100000 का धान बिक्री किया गया है तो उसे बैंक में पैसा आहार करने के लिए इस बैंक में 5 बार आना पड़ेगा क्योंकि केवल एक बार 20 हजार तक का ही भुगतान किया जाता है वह भी सप्ताह में एक बार सबसे बड़ी विडंबना यह है कि शासन के द्वारा जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मैं ही किसानों को पैसा आहरण करने की सुविधा है लेकिन अन्य बैंकों किसानों को राशि भुगतान की सुविधा नहीं है हर साल इस बैंक से 100 करोड़ का भुगतान किया जाता है इस बैंक में लगभग 20000 किसानों का खाता है जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से प्रतिदिन एक करोड़ का भुगतान किया जाता है लखनपुर में नौ धान उपार्जन केंद्र हैं भुगतान के लिए मात्र एक ही बैंक जिस कारण किसान अपने ही पैसों के आहरण के बैंक के चक्कर काटना पड़ता है कई दिनों तो किसान देर रात तक बिना खाए सड़कों के किनारे बैठकर पैसा के भुगतान के लिए अपनी बारी आने का इंतजार करते हैं कभी नेताओं के सिफारिश से 20 के जगह 50000 किसानों को मिल जाते है किसानों के चेहरे की मुस्कान देखकर ऐसा लगता है की जंग जीत कर जा रहे हैं इन व्यवस्थाओं को देखकर अन्नदाता कई बार परेशान या मजबूरी में अपनी मेहनत की कमाई धान को बिचौलिया कम पैसों में बेचने मजबूर वह बेबस हो जाते हैं।
जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित-
धान खरीदी उपार्जन केंद्र की संख्या 9 है 15000 लगभग पंजीकृत किसान है एक अलग ब्रांच या अन्य बैंकों में किसानों की राशि भुगतान की सुविधा नहीं होगी तब तक भीड़ की कमी नहीं हो सकती, हमारे बैंक में दो ही भुगतान की आईडी है जिस कारण भी भुगतान धीमी गति से होती है
हमारे स्टाफ भी बेहिसाब भीड़ से काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है हमारी पूरी कोशिश होती है किसानों को जल्द भुगतान मिल जाए
साथ ही किसानों के लिए बैठने की सुविधा नहीं है ना ही पानी की व्यवस्था नहीं व गाड़ी रखने की कोई पार्किंग व्यवस्था भी नही की गई है
खडे रहकर किसान पैसे लेने पर हुए मजबूर जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित में लेनदेन की सुविधा अच्छी नहीं है एक बार किसानों का पासबुक लिया जाता है उसके बाद किसानों को बैंक के कर्मचारियों के द्वारा आवाज दी जाती है जिसके चलते किसान और भी परेशान रहते हैं पैसा निकालने के लिए उनको पासबुक एक बार जमा करना पड़ता है उसके बाद फिर पासबुक लेकर लाइन में खड़ा रहना पड़ता है जिसके चलते बैंक में काफी भीड़ भाड़ रहती है जिसको लेकर बैंक के अधिकारी के द्वारा अच्छी सुविधा नहीं दी जा रही
छत्तीसगढ़ राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने पर भी सिस्टम में अभी तक सुधार नहीं हो पाया है आखिरकार क्यों