गौरेला- पेंड्रा- मरवाही)जीपीएम जब जिला बना तो ऐसा प्रतीत होता था जैसे की हमारे खोया हुवा धन मिल गया या हम आसमान में उड़ रहे है. मगर हमें इसका ज्ञान नहीं था की यह गौरेला पेंड्रा मरवाही सिर्फ भ्रस्टाचार का अड्डा बन कर रह जायेगा. यहाँ एक नायब तहसीलदार दो तहसील पूरा चेहरा में चलाते है यहाँ पशु चिकित्सक को सीईओ बनाने का प्रचलन चल रहा है ऐसा लगता है की इस जिले में किसी भी कुछ भी बनाया ज सकता है. वैसे ही अगर देखा जाए तो सचिव सरपंच तो पूरा ग्राम पंचायत का पैसा हजम तो करते है जिनका बॉस सीईओ होता है और भ्रस्टाचार को जन्म देता है. गौरेला के कोरजा के अमृत सरोवर को ही देखिये लाखो का गबन जिसमे वर्तमान सीईओ को भी वसूली की श्रेणी में रखा गया एक डबरी को सचिव नें अमृत सरोवर बता दिया और इंजीनियर नें पास किया सीईओ नें लेबर पेमेन्ट निकाला सब पैसा निकल गया पता चला एक डबरी अभी तक डबरी है मगर शासन नें ऐसा सीईओ को अपने सर पर बैठा रखा है और आजभी जीपीएम में सीईओ है
ग्राम पंचायत जमड़ी खुर्द के सचिव नें करोडो का घोटाला किया उसके ऊपर एफ आई आर और बारखस्त की रिपोर्ट उप संचालक पंचायत को व जीपीएम कलेक्टर को दिया गया वो भी तत्कालीन सीईओ डिप्टी कलेक्टर इंदिरा मिश्रा द्वारा मगर 18माह में कुछ नहीं हुआ ये सब बातो को जीपीएम के जनता को बताना चाहता हूँ कि आज नहीं कल नहीं मगर आपके आने वाला पीढ़ी दर पीढ़ी भ्रस्टाचार की राज्य में अपना जीवन व्यतीत करेगा. आज के सीईओ सिर्फ पैसे के लिए कुर्सी में नेम प्लेट लगाते है इज्जत के लिए नहीं अभी परत दर परत इन सबका पोल खोल होगा
कृष्णा पाण्डेय
छत्तीसगढ़ प्रादेशिक मानव संसाधन विकास समिति
जीपीएम अध्यक्ष