रोहित यादव / बलरामपुर :- छत्तीसगढ़ में पहले कांग्रेस की सरकार थी और अब भाजपा की सरकार है, लेकिन पत्रकारों की सुरक्षा की चिंता ना पहले की सरकार को थी ना आज की सरकार को है । पत्रकारों पर हमले अनवरत जारी है। उन्हें फर्जी मामले में फंसाकर जेल भेजने की साजिश रची जा रही है । यही वजह है कि संयुक्त पत्रकार महासभा द्वारा राजधानी के ग्रास मेमोरियल में पत्रकार संकल्प दिवस का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेश भर के 30 से ज्यादा पत्रकार संगठनों के पत्रकार शामिल हुए ।
इस दौरान मंचस्थ वरिष्ठ पत्रकारों द्वारा प्रदेश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से तत्काल पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग की । इसके साथ ही पत्रकारों को शासन की ओर से विभिन्न सुविधाएं देने का प्रस्ताव रखा।
इसके उपरांत पीड़ित पत्रकारों ने पूर्व की सरकार और वर्तमान सरकार में शोषित होने पर अपनी समस्याएं प्रदेश के पत्रकारों के समक्ष साझा की । पत्रकारो के उद्बोधन के बाद प्रतिनिधि मंडल ने छत्तीसगढ़ सरकार से पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर राजभवन पहुँचे और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौपा । पीड़ित पत्रकारों ने भी सामूहिक रूप से ज्ञापन सौंपते हुए अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा की मांग की ।
पत्रकारिता संकल्प महासभा का आयोजन छत्तीसगढ़ के इतिहास में ऐसा पहला कार्यक्रम साबित हुआ जिसमे छत्तीसगढ़ के सभी पत्रकारों की एकजूटता दिखाई दी। सभी पीड़ित पत्रकारों ने अपनी आवाज बुलंद करते हुए मंच के माध्यम से सरकार तक अपनी बात पहुंचाई और न्याय की गुहार लगाई