पेण्ड्रा: GPM से कृष्ण पांडेय की खबर:- गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले के तहसील सकोला (कोटमी)में आयोजित नवदिवसीय श्रीमद् बाल्मीकि रामायण ज्ञान महायज्ञ में दिल्ली महरौली से पधारे पंडित अनिलकृष्ण शास्त्री व्यास जी महाराज भक्तजनों को भगवान श्रीराम की संगीतमयी कथा सुनाकर कृतार्थ किये।इस कथा में भक्तिभाव तन्मयता के साथ यज्ञकर्ता हरिवंश पाण्डेय शिवकली पाण्डेय,बुधसेन पाण्डेय सपरिवार कथा श्रवण करते हुए पुण्यलाभ अर्जित कर भक्तजनों को प्रेरणा प्रदान किये वहीं आसपास क्षेत्र के श्रद्धालु भक्तजनों की भीड़ भी इस कथा में विशेष रूप से देखने को मिली।स्थानीय श्रोतागण अपना सौभाग्य समझकर पाण्डेय परिवार द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की मुक्तकण्ठ से सराहना कर रहे हैं।कथा के दौरान वृन्दावन से आये झाँकी वाले कलाकार पंडित जी ने कई कथा चरित्रों पर झाँकी का अनूठा प्रदर्शन कर भक्तों को भावविभोर किया इस बीच राजारामचंद्रजी हनुमंतलला,माता सीता और लक्ष्मण जी के सुन्दर स्वरूप का जीवन्त झाँकी निकाली गई और राज्याभिषेक उत्सव हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया तत्पश्चात कथा के विश्राम अवसर पर राधाकृष्ण की झाँकी निकालकर फूलों की होली खेली गई।
कथा के आठवें व नवम दिवस पर अशोकवाटिका में सीता माता द्वारा रावण को तिरस्कृत करना ,रावण वध, विभीषण को शिक्षा देकर संताप दूर करना,रामराज्याभिषेक प्रसङ्ग,लोकापवाद कारणवश सीतापरित्याग,यज्ञयज्ञादि कार्य सम्पन्न व सीतामाता जी का धरतीमाता में प्रविष्ट होना आदि सुन्दर भावपूर्ण कथा का वर्णन किया गया इस अवसर पर परमपूज्य व्यासजी ने कथा चरित्र का वर्णन किया कि मानवजीवन में सुख दुःख आते जाते रहते हैं दुःख से घबराकर व्यक्ति को कभी विचलित नहीं होना चाहिए।
भगवान श्रीराम चौदह वर्ष के वनवास के पश्चात जब अयोध्या लौटे तो पूरे अयोध्या नगरी में धूमधाम से खुशियाँ मनाई गईं।नगर में घर घर दीप जलाये गये। राजा रामचन्द्र जी का राज्याभिषेक किया गया।राजा राम को पाकर प्रजाजन बहुत खुश थे।व्यास जी ने कहा कि राजा जब धर्मपारायण होता है तो पूरी प्रजा भी धर्म का अनुपालन करती है।धर्मावलंबियों को सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय की भावना से कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना होगा।इस मानव जीवन में प्रत्येक व्यक्ति को सदाचार व शिष्टाचार से प्रतिबद्ध होकर धर्म का कार्य करना चाहिए। श्रीमदभागवत और वाल्मीकि पुराण में स्पष्ट वर्णित है कि मानव जीवन को यदि सफल करना है तो धर्म का आचरण कर व्यक्ति को सदमार्ग पर चलना चाहिए।
कथा के समापन अवसर पर महाराज श्री ने कहा कि यज्ञ यज्ञादि कार्य में ब्राह्मणों की विशेष भूमिका होती है ब्राह्मणों को चाहिए वह ब्राह्मणत्व का पालनकर वैदिक विधानों से धर्म का कार्य पूर्ण कराये।सम्पूर्ण सृष्टि में राम ही राम विद्यमान है।
नवम दिवस में संगीतमय श्रीराम कथा का विश्राम किया गया ततपश्चात वैदिक विधिविधान से ब्राह्मणों द्वारा हवन कार्य सम्पन्न कराया गया और पूर्णाहुति की गई।स्थानीय भक्तजन भी हवन कार्य में शामिल होकर अपने परिवार की सुख समृद्धि खुशहाली की कामना की।ततपश्चात कथा विश्राम दिवस के दूसरे दिन बालकों का उपनयन संस्कार कराकर विधिवत भण्डारा प्रसाद वितरण किया गया जिसमें क्षेत्र के समस्त भक्तजन भण्डारा प्रसाद ग्रहण किये।इस आयोजन को सफल बनाने में विजय तिवारी,शंकराचार्य शुक्ला, हरिशंकर चौबे तथा पारिवारिक सदस्यों सहित स्थानीय मित्रजनों का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।