जशपुर सन्ना:- जशपुर जिले में भ्रष्टाचार अब चरम सीमा पर है रोज कहीं न कहीं आपको बड़े भ्रष्टाचार के मामले सुनने को मिलते होंगे ऐसा ही एक ताजा मामला जशपुर जिले के बगीचा विकास खंड अंतर्गत ग्राम पंचायत हर्रा डिपा से सामने आ रही है जहां शासकीय सार्वजनिक तालाब में धान लगा दिया गया है जिसकी शिकायक वहां के उपसरपंच ने जशपुर लोकपाल के नाम भेजी है ।
पूरा मामला आपको बता दें ग्राम पंचायत हर्रा डीपा के उपसरपंच नंदगोपाल यादव ने जशपुर लोकपाल के नाम शिकायक पत्र देते हुई कहा है कि वर्ष 2019-20 लागत राशि लगभग 11 लाख रुपए से बने सार्वजनिक तालाब में हर्रा डीपा निवासी सरपंच पति प्रदीप नारायण सिंह के द्वारा धान की बोवाई कर दी है ।
जब इस बात की जानकारी बगीचा जनपद CEO विनोद सिंह को लगी तो उन्होंने तत्काल सचिव पंचू राम को निर्देशित किया कि वे जाकर वहां जांच पंचनामा तैयार कर भेजें । सचिव पंचु राम ने भी तत्काल निर्देश का पालन करते हुए तत्काल मौके पे उपस्थित होकर जांच पंचनामा बनाया जिसमे लिखा है कि जो शिकायक प्राप्त हुई है वे सत्य एवं सही है उन्होंने फिर आगे कार्यवाही के लिए पंचनामा उच्चाधिकारियों को भेजा ।
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अब सवाल ये उठता है कि ग्राम पंचायत हर्राडिपा में ऐसे कितने कार्य हुए होंगे जिनका पंचायत प्रतिनिधियों को जानकारी तक नहीं होगा न ही सरपंच न उपसरपंच न ही सचिव न पंच क्या ये लोग सिर्फ सरकार की वेतन से अपना पेट पाल रहे हैं इनका अपनी जिम्मेदरियों के प्रति कोई कर्तव्य नहीं सिखाया पढ़ाया गया है बैठक में ये नहीं बताया जाता है कि वे समय समय मे जाकर क्या काम हो रहा है उसका निरीक्षण करें । विडम्बना तो देखिए कि ग्राम प्रधान सरपंच जिसे पूरे पंचायत की जिम्मेदारी दी जाती है उन्हें भी मालूम नहीं कि हमारे पंचायत के सार्वजनिक तालाबों मे कौन कौन धान कि खेती कर रहे हैं ? अब धान कटने को तैयार है तब जाकर सबकी आंखें खुल रही है ?
दूसरी बात आप सोचिए कि जब उच्चाधिारियों के निर्देश के बाद ही कोई निरीक्षण अथवा काम होंगे अगर निर्देश न हों तो तालाब स्वीकृत हो लेकिन जमीनी स्तर पर तालाब का कोई नामोनिशान नहीं ? ये सोचने वाली बात होगी ।
तीसरी बात की जब सरपंच पति के द्वारा तालाब में रोपाई बोवाई चल रही थी उस दौरान सरपंच कहां थीं ? जब पंचायत प्रतिनिधियों के द्वारा ही इस प्रकार का भ्रष्टाचार किया जाएगा तो आमजनमानस पर इसका क्या पड़ेगा ?
तालाब में नहीं है बोर्ड
जैसा कि आप लोगों को पता होगा कि पंचायत स्तर अथवा किसी भी विभाग की काम हो चाहे वह डबरी हो तालाब हो कुंवा हो CC रोड हो अथवा नाली निर्माण हो कार्य शुरू होने से पहले ही साइन बोर्ड (सूचना पटल) बनाया जाता है जिसमें उस कार्य से संबंधित जानकारी दी गई होती है ताकि ये जानकारियां गांव के हरेक व्यक्ति को हो अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ के यशस्वी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने निर्देश जारी किया था कि प्रत्येक कार्यों मे सूचना पटल कार्य से पहले होनी चाहिए अब इतनी अधेर भी तो नहीं कि कोई जानकारी ही नहीं इसका मतलब साफ है कि मुख्यमंत्री के निर्देश का भी पंचायत प्रतिनिधियों ने अमल नहीं किया ?
सचिव ने कहा हमें जानकारी नहीं
मामले में सचिव पंचू राम ने कहा कि हमें कोई कोई जानकारी नहीं थी जब शिकायत हुआ तो मुख्य कार्यपालन अधिकारी के निर्देश पर यहां पंचनामा तैयार किया हुं आगे की कार्यवाही के लिए ।
उपसरपंच ने कहा FIR हो
वहीं मामले में उपसरपंच ने कहा ये तालाब स्वयं सरपंच के द्वारा बनवाया जा रहा था मुझे 4 दिन पहले ये जानकारी हुई ,पंचनामा तैयार किया गया है दोषी के उपर एफ आई आर की कार्यवाही होनी चाहिए .
अब सवाल है कि इतने दिनों तक उपसरपंच कहां थे सार्वजनिक तालाब में जब फसल तैयार होने की स्तिथि में है तब इनकी जानकारी मे आया है क्या इनका कर्तव्य नहीं बनता की समय समय पर जाकर कार्य की स्तिथि जांचें ?
सरपंच पति ने कहा की गई है बोवाई
इस पूरे मामले में हमारे द्वारा सरपंच पति प्रदीप नारायण सिंह का पक्ष जाना उन्होंने बताया कि इस जमीन में हमारे द्वारा पूर्व में भी खेती की जा रही थी इस बार मौसम को देखते हुए मैंने धान कि बोवाई कर दी है । बाकी हमारा उसे कब्जाने का ध्येय बिल्कुल भी नहीं है ,,
मिट्टी का किया गया निजी उपयोग
वहीं मिट्टी के निजी उपयोग पर सरपंच पति ने कहा की गड्ढा होने की वजह से मजदूर नहीं उठा पा रहे थे इसलिए मैंने 10,12 ट्रिप मिट्टी का निजी उपयोग किया हूं ।
जेसीबी से खोदाई
वहीं जेसीबी से खुदाई के मामले में सरपंच पति ने बताया कि जेसीबी से सिर्फ तालाब के मेड का ड्रेसिंग किया गया है
अब इनके जवाबों पर सवाल है कि चाहे मौसम किसी भी स्तिथि मे हो कौन से पंचायत अधिनियम में लिखा है कि तालाब मे धान कि बोवाई की जाए ?
जब राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ये मजदूर को लाभ देने व आर्थिक मदद पहुंचाने के उद्देश्य से मनरेगा के तहत काम दिया जाता है तो इन्होंने जेसीबी से ड्रेसिंग क्यों कराया ?
फिलहाल जो भी ये तो जांच का विषय है लेकिन मामला गम्भीर है
मामले में बगीचा मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने बताया कि मैंने तहसीलदार सन्ना को इसकी बारीकी से जांच के लिए आवेदन भेजा है जैसे ही जांच प्रतिवेदन आयेगी उस हिसाब से आगे की दोषी के ऊपर कार्यवाही की जाएगी ।