अखबार शुरू करना हर उस पत्रकार का सपना होता है जो पत्रकारिता के माध्यम से समाज की सेवा करना चाहता है. Newspaper वह माध्यम है जो न सिर्फ सूचनायें पहुंचाकर लोगों को जागरूक करता है बल्कि मनोरंजक सामग्री के माध्यम से लोगों का मनोरंजन भी करता है.
तय करें अपने अखबार की अवधि:-भारत में अखबार को प्रकाशित करने के लिये निश्चित अवधि का निर्धारण करना होता है. आप अपने निवेश की रकम के हिसाब से अपने न्यूजपेपर को दैनिक, साप्ताहिक, पाक्षिक या मासिक रख सकते हैं. दैनिक अखबार का प्रकाशन रोज करना होता है और इसे आप प्रात:कालीन या सांध्यकालीन रख सकते हैं. सुबह प्रकाशित होने वाले अखबार सुबह 7 बजे तक छपकर पाठक के पास पहुंचते हैं जबकि सांध्यकालीन अखबार शाम को पाठकों की मेज तक पहुंचते हैं.
साप्ताहिक समाचारपत्र हर 7 दिन में प्रकाशित करवाये जाते हैं, पाक्षिक समाचार पत्र हर 15 दिन में प्रकाशित किये जाते हैं. मासिक समाचार पत्र या पीरियोडिकल प्रत्येक माह में एक बार प्रकाशित किया जाता है.
आरएनआई में नाम करवायें रजिस्टर्ड:-अखबार की अवधि तय हो जाने के बाद उसका नाम रजिस्टर्ड करवाना आवश्यक है. प्रेस और पुस्तक पंजीयन अधिनियम, 1867 के तहत समाचार पत्रों का पंजीयन या रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है.
अखबार का रजिस्ट्रेशन करवाने फायदे का काम है क्योंकि अगर आपका अखबार चल निकला तो आपके अखबार के नाम पर कोई दूसरा व्यक्ति अखबार नहीं निकाल पायेगा.
कैसें करते हैं आरएनआई में आनलाइन रजिस्ट्रेशन ?
अखबार का नाम रजिस्टर्ड करवाने के लिये आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं है. भारत सरकार के संस्थान रजिस्ट्रार न्यूज पेपर आफ इंडिया ने इसके लिये आनलाइन सेवायें शुरू कर दी है.
अपने अखबार का नाम रजिस्टर्ड करवान के लिये आपको सबसे पहले आरएनआई के वेबसाइट पर जाना होगा, जिसका वेब एड्रेस नीचे दिया जा रहा है.
आरएनआई की वेबसाइट पर जाने के बाद आपको टाइटल वेरिफिकेशन टैब पर जाना होगा. यहां आपको पहले से वेरीफाइड अखबारों के नाम की जांच करनी होगी.
इन्हें देखने के बाद आप अपने न्यूजपेपर के लिये कोई अच्छा सा नाम डिसाइड करें. हमारी आपको सलाह है कि कम से कम 5 नाम सोच कर रखें क्योंकि अक्सर मिलते-जुलते नाम को रिजेक्ट कर दिया जाता है. एक से ज्यादा आप्शन होने पर नाम के रजिस्टर्ड होने की संभावना बढ़ जाती है.
इसके बाद आपको आनलाइन फार्म को सावधानी से पूरा भर कर सबमिट करना होता है और भरे हुये फार्म का प्रिंट लेना होता है. इस दौरान एक कोड भी जनरेट होता जिसे आपको नोट करके रख लेना चाहिये.
इसके बाद इस फॉर्म को अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट और डिप्टी कमिश्नर आफ पुलिस से वेरीफाइड करवा कर आरएनआई को भिजवाना होता है. आरएनआई को जब यह फॉर्म प्राप्त हो जायेगा तो रजिस्ट्रेशन के समय आपके द्वारा उपलब्ध करवाये गये मोबाइल नम्बर पर आपको एक एसएमएस प्रापत होगा.
इसके बाद आरएनआई के वेबसाइट पर जाकर आपको अपने टाईटल एप्लिकेशन स्टेटस से लैटर डाउनलोड करना होता है. इस लैटर में इस बात का प्रमाणन होता है कि आपके द्वारा दिया गया टाइटल आपके नाम से सत्यापन हो चुका है..
इसके बाद आपको इसे अपने नाम से रजिस्टर्ड करवाने के लिये एक घोषणापत्र के माध्यम एसडीएम के पास जाकर 2 वर्ष की अवधि के भीतर सत्यापित करवाना होता है. इसके साथ ही आप का टाइटल सत्यापित हो जाता है.
टाइटल के बाद कैसे करवायें अखबार का रजिस्ट्रेशन :-टाइटल वेरिफिकेशन के बाद अब आप इस टाइटल के साथ अखबार का प्रकाशन करने के लिये अधिकृत है लेकिन अभी आपको अपने अखबार का भी पंजीकरण करवाना होगा। इसके लिये निर्धारित फार्म संख्या 1 को हाथ से अच्छी तरह भर कर आरएनआई को भिजवानी होगी.
अखबार का पंजीकरण हो जाने की स्थिति में अगर आपका अखबार दैनिक या साप्ताहिक है तो पहला अंक अखबार के रजिस्ट्रेशन के दिनांक से 42 दिन के भीतर प्रकाशित करना आवश्यक है. अगर आप ऐसा करने में असफल रहते हैं तो आपको घोषणापत्र नये सिरे से भरना होगा.
इस प्रकिया को पूरी तरह से समझने के लिये आपको हम इसकी गाइड यहां पीडीएफ में दे रहे हैं जिसे आप डाउनलोड कर इसे आसानी से समझ सकते हैं.
अखबार शुरू करने के लिये करें निम्न कर्मचारियों की भर्ती:-अखबार शुरू करने के लिये आपको तीन विभागों की स्थापना करनी होगी. सबसे पहले अखबार के लिये खबर लाने के लिये आपको रिपोर्टर्स और उसको संपादित करने के लिये संपादक की आवश्यकता होगी.
साथ ही फीचर राइटर और कंटेट राइटर भी आपको रिक्रूट करने होंगे ताकि खबरों के साथ मनोरंजक सामग्री को भी अखबार का हिस्सा बनाया जा सके. कंटेट डवलपमेंट के लिये आपको निम्न पद सृजित करने होंगे —
1. संपादक
2. उप संपादक
3. कॉपी राइटर
4. पेज डिजाइनर
5. रिपोर्टर
इसके साथ ही आपको अपने अखबार में विज्ञापन भी प्राप्त करने होंगे. इसके लिये आपको अपने अखबार में एक विज्ञापन और मार्केटिंग विभाग भी सृजित करना होगा.
इसके लिये आपको एक से दो तक मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव रखने होंगे. साथ ही विज्ञापन का डिजाइन तैयार करवाने के लिये एक डिजाइनर भी रखना होगा. जब आपकी कॉपी तैयार हो जायेगी तो अनुबंधित प्रेस से आपको इसे मुद्रित यानी पब्लिश करवाना होगा.
अखबार के पब्लिश होने के बाद आपको उसे वितरित भी करवाना होगा. हरेक जिले में वितरण का काम हॉकर्स के माध्यम से किया जाता है. हॉकर्स को अनुबंध पर रखा जाता है जो एक निश्चित दर पर अखबार खरीदता और उसे पाठक तक पहुंचाता हैं.
इस पूरी प्रक्रिया में आपको सभी पर उचित नियंत्रण के लिये एक मैनेजिंग डायरेक्टर की सेवायें भी ले तो ठीक रहता है. अधिकतर अखबारों में यह काम मुख्य संपादक देखा करता है.
अखबार शुरू करने के लिये कितनी लागत है:-अखबार शुरू करने में खर्च अधिक नहीं होता है. अगर प्रतियों की संख्या सीमित रखी जाये तो कम खर्च में यह व्यवसाय शुरू किया जा सकता है.
मासिक 50 हजार रूपये खर्च कर साप्ताहिक अखबार आसानी से चलाया जा सकता है और अगर आपके पास अच्छे विज्ञापन आ जाये तो आसानी से एक लाख रूपये महीने तक की कमाई हो सकती है.