रोहित यादव ( प्रतापपुर ) :- डांड़करवां उप तहसील के अंतर्गत आने वाले किसानों ने अपनी समस्याओं को लेकर सोमवार को धरना प्रदर्शन और आक्रोश रैली निकाली। किसानों ने कलेक्टर के नाम ज्ञापन सौंपते हुए तीन दिनों के भीतर समस्याओं का समाधान न होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी। इस प्रदर्शन का नेतृत्व आदिवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शिवभजन सिंह मरावी ने किया।
प्रमुख समस्याएं और मांगें
किसानों ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी भूमि का रकबा कम कर दिया गया है, जिससे उन्हें अपनी उपज का समर्थन मूल्य और उचित मुआवजा नहीं मिल पा रहा है।
धान की खरीदी में गड़बड़ी: किसानों ने आरोप लगाया कि प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान खरीदी का दावा किया गया था, लेकिन रकबा कम होने के कारण उनका धान नहीं खरीदा जा रहा।
गिरदावरी में लापरवाही: पटवारी और राजस्व विभाग पर किसानों ने आरोप लगाया कि खेतों का निरीक्षण किए बिना ही गिरदावरी की गई। इससे कई किसानों को अपनी फसल बेचने का मौका नहीं मिला।
समर्थन मूल्य: 3100 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदी की घोषणा के बावजूद किसानों को 23 रुपये प्रति किलो का समर्थन मूल्य और 8 रुपये बोनस का आश्वासन दिया गया। लेकिन बोनस की तिथि तय न होने से किसान असमंजस में हैं।
किसानों का आक्रोश और चेतावनी
धरना प्रदर्शन के दौरान किसानों ने जोरदार नारेबाजी की:
“राजस्व विभाग होश में आओ!”
“भौतिक और नामांतरण मनमानी बंद करो!”
“किसानों का रकबा कटौती बंद करो!”
किसानों ने कहा कि यदि तीन दिनों में समस्याओं का समाधान नहीं होता, तो वे धान खरीदी प्रक्रिया को बाधित करने और चक्का जाम करने पर विवश होंगे। किसानों ने चेतावनी दी कि इसका सीधा जिम्मेदार छत्तीसगढ़ शासन होगा।
नेताओं के वक्तव्य
आदिवासी प्रदेश कांग्रेस महामंत्री शिवभजन सिंह मरावी ने बीजेपी सरकार पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “किसानों से किए गए वादे पूरे नहीं हुए। जमीन का रकबा कम करके बीजेपी सरकार ने अन्नदाता को ठगा है। कांग्रेस शासनकाल में किसानों को उनकी उपज का पूरा मूल्य मिलता था, लेकिन वर्तमान सरकार उनकी समस्याओं को अनदेखा कर रही है।”
भारत गुप्ता ने कहा, “पटवारियों द्वारा बिना निरीक्षण के गिरदावरी में मनमानी की गई है। किसानों को अपनी उपज बेचने से वंचित रखा जा रहा है। यदि समस्याएं तुरंत हल नहीं हुईं, तो किसान और भी बड़ा आंदोलन करेंगे।”
प्रशासन की प्रतिक्रिया
नायब तहसीलदार ने ज्ञापन लेते हुए किसानों को आश्वासन दिया कि उनकी समस्याओं का समाधान 10 दिनों के भीतर किया जाएगा। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं पटवारी, आरआई और अन्य कर्मचारियों को निर्देशित कर तत्काल कार्रवाई करूंगा।”
सुरक्षा व्यवस्था
प्रदर्शन के दौरान पुलिस प्रशासन सतर्क रहा। इलाके में शांति बनाए रखने के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे।
उपस्थित ग्रामीण और किसान नेता
धरना प्रदर्शन में सैकड़ों की संख्या में किसान और ग्रामीण शामिल हुए। इस दौरान भारत गुप्ता, विकास पटेल, अनिल गुप्ता, रनसाय, मोहम्मद अयूब, संजय यादव, नंदकेश्वर यादव, रामसुंदर यादव, अजय पटेल, जानसाय, अखिलेश गुप्ता, सचिन, विजय कुशवाहा, राकेश सारथी, मंगल सिंह जैसे प्रमुख लोग उपस्थित थे।
किसानों का यह विरोध प्रदर्शन क्षेत्र में चर्चा का विषय बन गया है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन किसानों की समस्याओं को कितनी गंभीरता से लेता है और समाधान करता है या नहीं।