सारंगढ़:-छत्तीसगढ़ मे एक कहावत प्रशिद्ध है “घर के भेदी लंका छेदी ” अर्थात जब आपका प्रतिस्पर्धी आपसे हर विधा मे ताकतवर हो तो उनकी एकता और अखंडता को तोड़ने का एक ही उपाय है उस परिवार मे ही आपसी मतभेद उतपन्न कर दो ताकि जो काम विरोधी ना कर सकें वही काम अपनों मे कराकर अपना स्वार्थ शिद्ध हो सके। मुद्दाविहीन विरोधियों के पास अभी सिर्फ एक ही मुद्दा है सारंगढ़ एक किसी तरह कांग्रेस को कमजोर करना , वरना नगरपालिका चुनाव के नतीजों की भाति विधानसभा चुनाव के नतीजे भी एकतरफा होने के आसार नज़र आ रहे हैँ!
षड्यंत्र पर विधायक की सादगी भारी –
प्रत्येक के अंदर कुछ ऐसे गुण निहित होते है जो उन्हें दूसरों से अलग बनाते है। कुछ अच्छे वक्ता, कुछ तेजतर्रार, कोई चतुर, कोई चालाक, कुछ महान व्यक्तित्व के धनी, तो कुछ सरल और सादगी की प्रतिमूर्ति होते हैँ। सारंगढ़ ने वर्षो बाद एक ऐसे लीडर को देखा है जिसमे वी आई पी वाली कोई गुण ना होकर कार्यकर्ता को स्वयं की प्रतिबिंब दिखाई देता हो उस नेत्री का नाम है उत्तरी जांगड़े..
सादगी की प्रतिमूर्ति सरल सहज़ स्वाभाव और निर्मल मुस्कान की धनी उत्तरी जांगड़े जिनके दृढ़ निश्चय, धैर्य, ईमानदारी, कर्मठता और अपने कुशल नेतृत्व गुणों के कारण आज विधायक और आम जनता के बीच ओर जंजीर तोड़कर सारंगढ़ की जनता को यह आभास कराने मे सफल रही की कोई भी आम नागरिक बेझिझक उनके निवास मे जाकर अपनी समस्या को बताकर निराकरण करा सकते हैँ! उत्तरी जांगड़े तो इससे बढ़कर स्वयं अपने विधानसभा के प्रत्येक कार्यकर्ता से लेकर आम जनमानस के घर मे उनके दुख सुख मे शामिल होने पहुंच जाती हैँ। जिस कारण इनकी सरलता से विरोधीयों की रातों की नींद और दिन का चैन उड़ा प्रतीत होता है? दूसरे कठोर शब्दों मे कहें तो षड्यंत्र पर विधायक की सादगी भारी पड़ती नज़र आ रही है।
अपने समर्थकों और पहचान वालों को भेज रहे लिंक-
आपने अभी तक सुना होगा कि चुनाव में राजनीतिक दल उम्मीदवारों को टिकट देने से पहले सर्वे करते हैं, लेकिन अब उम्मीदवार खुद अपने लिए सर्वे कर रहे हैं। खास बात यह है कि इस सर्वे में कोई लागत भी नहीं लग रही है और खुद को आलाकमान के नजरों मे सबसे लोकप्रिय साबित करने की जुगाड़ मे हैँ। कुछ टिकट के दावेदारों को दांव उल्टा पड़ने का डर भी सता रहा है। यही वजह है कि वे अपने समर्थकों और पहचान वालों को ही सर्वे का लिंक भेज रहे हैं। साथ ही मनमनौव्वल भी कर रहे हैं कि सर्वे में उनके नाम के आगे टिक किया जाए।
सारंगढ़ के अलावा रायपुर ग्रामीण, बलौदाबाजार, भाटापारा, जैजैपुर, अंतागढ़ सहित अन्य विधानसभा क्षेत्र के सर्वे प्रमुखता से सामने आए हैं।
95% जनता अनभिज्ञ –
सारंगढ़ मे विगत दिनों स्वयं के समर्थकों और कुछ बुद्धिजीवियों के बीच कराये गये सर्वे को प्रदेश आई टी सेल अध्यक्ष ने जब फर्जी करार दे दिया था उसके सप्ताह दिन बाद ही स्वयं मेटर बनाकर कांग्रेस जिलाध्यक्ष का सर्वे निःसंदेह उन विरोधियों के मन की भड़ास थी जिससे आम पब्लिक को कोई सरोकार नही था। और 50 हज़ार मतों से जीतने वाली विधायक को महज़ 1000 वोटो तक सिमटा देने का खेल किसी से छिपा नही है, उक्त सर्वे मे 99% जनता जो अपना विधायक चुनती है वो अनभिज्ञ थी।
बहरहाल कांग्रेस के खेमे मे फुट डालकर अपनी रोटी सेकने वाले जरूर उत्साहित नज़र आ रहे हैँ। लेकिन इन सबसे परे विधायक उत्तरी जांगड़े अपनी क्रियाशीलता को और बढ़ाकर जनसम्पर्क एवं कार्यकर्ता सम्मेलन मे दिन रात जुटी हैँ।