जशपुर:- छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना महात्मा गांधी का ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा गौठानो में संचालित हो रहा है। झारखंड मनरेगा की टीम श्री चंद्रशेखर, सेक्रेटरी रूरल डेवलपमेंट डिपार्मेंट, श्रीमती राजेश्वरी बी कमिश्नर मनरेगा, श्री सिद्धार्थ त्रिपाठी पीसीएफ अनुसंधान फॉरेस्ट डिपार्मेंट, श्री निहार रंजन महाराणा स्टेट प्रोग्राम ऑफिसर, श्री राजीव रंजन एसपीओ मनरेगा, श्री प्रेम शंकर ए ई मनरेगा की टीम छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी योजना की जानकारी लेने जशपुर के बालाछापर में संचालित महात्मा गांधी का ग्रामीण औद्योगिक पार्क रीपा का भ्रमण कर आलोकन किया। बालाछापर गौठान में रीपा के ढेकी कुटा, हर्बल टी पैकेजिंग, बीसी सखी , कालीन बुनाई प्रशिक्षण सहित अन्य गतिविधियों की जानकारी ली एव टीम योजनाओं से प्रभावित हुए।इस दौरान कलेक्टर डॉ रवि मित्तल, जिला पंचायत सीईओ श्री संबित मिश्रा, डीएफओ श्री जितेंद्र उपाध्याय सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
बालाछापर के महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क में पारंपरिक ढेकी से कूटा चावल उत्पादन किया जा रहा है। इस ढेकी कुटा चावल में 40 प्रतिशत से अधिक आयरन, 60 प्रतिशत से अधिक फाइबर और प्रचुर मात्रा में विटामिन होता है। ढेकी कुटा चावल में सबसे अधिक मांग जीरा फूल चावल की है। जिले में जीराफूल चावल की पैदावार सबसे अधिक होती है। जीराफूल सुगंधित किस्म का चावल होते है साथ ही ढेकी कुटा से चावल तैयार होने से प्राकृतिक शुद्धता एवं पोषकता से भरपुर है। जिसके कारण इसकी मांग अन्यत्र जिले के साथ ही अन्य प्रदेशों में बढ़ते जा रही है।
वैदिक वाटिका के समर्थ जैन ने बताया कि विभिन्न समूहों के 13 महिलाओं को रीपा गौठान बालाछापर में ढेकी कुटा चावल उत्पादन एवं आकर्षक पैकिंग के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। चावल उत्पादन के लिए समूह से जुड़े महिलाओं के परिवार और स्थानीय किसानों से धान का क्रय किया जा रहा है। जिससे समूह के महिलाओं को ढेकी कूटा के साथ-साथ धान के क्रय से भी अतिरिक्त आमदनी प्राप्त हो रही है। उन्होंने बताया कि गौठान में आटोमेडिक ढेकी तैयार किया गया है। आवश्यकता के अनुरूप 05 आटोमेटिक ढेकी कुटा मशीन लगाया गया। जिसमें ढेकी स्व चलित है और इसके बाकी कार्य मैन्यूली किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मांग को देखते हुए 5 यूनिट और बढ़ाने की कार्य चल रही है जिससे उत्पादन अधिक किया जा सके। ढेकी कुटा चावल का सी-मार्ट, वैदिक वाटिका और ऑनलाइन पर अमेजन के माध्यम से बिक्री की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस प्रसंस्कृत चावल की ऑनलाइन कीमत प्रति 100 ग्राम 18 रूपए तय की गई है, यानि प्रति किलो 180 रूपए की दर से यह उत्पाद बिक रहा है। अब तक 6 हजार किलोग्राम चावल ढेकी कूटा चावल विक्रय किया जा चुका है।
प्रसंस्करण के जरिए वैल्यू एडीशन होने का फायदा महिला समूहों को भी मिलेगा। पारंपरिक ढेकी से कूटे गए पौष्टिक चावल के स्वाद की सिर्फ कल्पना मात्र ही कर पाने वाली शहरी आबादी भी अब इसका सेवन कर सकेगी। यह अमेजन जैसे ऑनलाइन शॉपिंग मार्ट पर भी उपलब्ध है। ये चावल जिले के बालाछापर रीपा अंतर्गत स्व सहायता समूह की क्षेत्र की ग्रामीण महिलाएं कूटकर तैयार करेंगी। इससे महिला समूहों को न सिर्फ अच्छी खासी आमदनी मिलेगी, बल्कि जिले के उत्पादों की पहचान जिला व राज्य ही नहीं, बल्कि बाहर भी बढ़ेगी। रीपा में कालीन बुनाई प्रशिक्षण, बीसी सखी सहित अन्य गतिविधियां भी संचालित हो रही है। झारखंड की टीम गौठान ने वर्मी कंपोस्ट की जानकारी तथा वार्मी टांका का भी अवलोकन किया।
पर्यावरण रोपणी बालाछापर पहुंची झारखंड की टीम
झारखंड मनरेगा की टीम बालाछापर के वन विभाग द्वारा संचालित पर्यावरण रोपणी पहुंचकर उगाए गए विभिन्न प्रजातियों के पौधों की जानकारी ली। उन्होंने मनरेगा के तहत किए गए कार्यों से अवगत हुए।
डीएफओ श्री जितेंद्र उपाध्याय ने झारखंड मनरेगा के टीम को जानकारी देते हुए बताया कि पर्यावरण रोपणी बालाछापर को वन विभाग द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसमें फूल एव फलदार, औषधि युक्त प्रजाति के पौधों को रोपण किया गया है। जिसे शासन की योजनाओं के लिए एवं हितग्राहियों को निशुल्क पौधा का वितरण किया जाता है। पर्यावरण रोपणी नर्सरी में चंपा, अमलतास, गुलमोहर, सेमल,नीम, सतावर, बहेड़ा, आंवला, आम, जामुन, कटहल, करंज सहित 70 प्रकार के फूल एव फलदार, औषधि युक्त प्रजाति के पौधों का रोपण किया गया है। जिसे जिसे निशुल्क वितरण किया जाता है।